1.डीमैट अकाउंट की जरूरत क्यों
सबसे पहले तो
यही जान लें कि Saving Account होने
के बावजूद आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत क्यों है। किसी बैंक में जो आपका Saving
Account होता है उसमें आप अपना पैसा जमा करते हैं। लेकिन Demat
Account में पैसा जमा नहीं होता है बल्कि आप जो भी Share
या Bond खरीदते हैं वो
जमा होता है।
दरअसल डीमैट
अकाउंट में शेयर के जमा रहने से आप इसकी खरीद और बिक्री तेजी से कर सकते हैं । 30 साल पहले जब Demat
Account नहीं होते थे तो शेयर लोगों के घर पहुंचते और इस काम में महीनों लग जाते लेकिन अब आपके डीमैट अकाउंट में शेयर एक दिन के
अंदर पहुंच जाता है। इतनी रफ्तार इसलिए आई है क्योंकि अब Share
किसी कागज में लिखा Certificate
नहीं होता है। बल्कि आपके खाते में सिर्फ इसकी संख्या जुड़ जाती है।
जैसे आपके बैंक खाते में करेंसी नोट नहीं रखा जाता है। बल्कि आपके पैसे का हिसाब
चढ़ा होता है । उसी तरह से डीमैट अकाउंट में शेयरों का हिसाब चढ़ा होता है।
इस तरह से Demat
Account आपके Share, Bond और Mutual
Fund का हिसाब अपने पास रखता है। और आप जब भी इसे बेचते हैं तो आपके हिसाब
से ये कट जाता है और बेचने पर जो पैसा मिलता है वो आपके Saving
Account में आ जाता है
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई
शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी
कोई दिक्कत नहीं है
2.STORY : भगवान
वेंकटेश्वर को समर्पित तिरुमला तिरुपति मंदिर भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से
एक है. यहाँ सोने के चढ़ावे को लेकर अक्सर
खबरें आती रहती हैं. मंदिर में रोज़ाना औसतन एक लाख से अधिक श्रद्धालु न केवल
प्रार्थना करते हैं, बल्कि
दिल खोलकर दान भी देते हैं मंदिर की दानपेटियों में लाखों रुपए तो पड़ते ही हैं, ज़ेवरात चढ़ाने वालों की भी कमी नहीं
है ख़ास बात
ये है कि यहाँ श्रद्धालु जमकर सोना दान देते हैं और शायद यही वजह है कि तिरुपति
मंदिर देश का सबसे अमीर मंदिर है मन में सवाल उठता है कि लोग यहाँ नकदी
और सोना क्यों दान करते हैं?
प्राचीन
मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर जब पद्मावती से अपना विवाह रचा रहे थे तो उन्हें
पैसे की कमी पड़ गई, इसलिए वो
धन के देवता कुबेर के पास गए और उनसे एक करोड़ रुपए और एक करोड़ सोने की गिन्नियां
मांगी
मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर
पर अब भी वो कर्ज़ है और श्रद्धालु इस कर्ज़ का ब्याज चुकाने में उनकी मदद करने के
लिए दिल खोलकर दान देते हैं. ISKE पीछे ये
विश्वास भी है कि जितना वो दान देंगे, इसका कई गुना उनकी झोली में वापस आएगा इसीलिए
मंदिर परिसर के चारों ओर, बड़े-बड़े
दान बक्से रखे गए हैं, जिन्हें
हुंडी कहा जाता है- जहाँ श्रद्धालु अपनी इच्छा के मुताबिक जो चाहे दान करते हैं दान में
सिक्कों के अलावा, कीमती
पत्थर, चांदी, सोना शामिल है कुछ
श्रद्धालु तो कंपनियों के शेयर और प्रॉपर्टी के कागज तक दान में दे देते हैं जब मंदिर
को शेयरों के दस्तावेज दानपेटियों में मिले तो मंदिर ने एक डीमैट खाता ही खोल दिया स्टॉक
होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया में खोले गए इस डीमैट खाते का नंबर 1601010000384828 है ये डीमैट
खाता भगवान बालाजी के नाम पर खोला गया है और श्रद्धालु भगवान को शेयर भी दान में
दे सकते हैं
शायद दुनिया में ये पहला मंदिर होगा जिसमें भगवान के नाम पर
डीमैट account है.
3.Demat Account क्या होता है
Demat का
फुल फॉर्म है- Dematerialised. स्टॉक
मार्केट में Demat
Account का इस्तेमाल ऐसे Account और Locker
के रूप में किया जाता है, जहा
ख़रीदे गए Shares को जमा किया जाता है। Demat
Account को सिर्फ और सिर्फ शेयर्स खरीदने के बाद उसे रखने के काम में लिया
जाता है, और जब हम शेयर्स को बेचते है,
तो वो शेयर्स हमारे Demat
Account से निकल कर शेयर्स खरीदने वाले के Demat
Account में जमा हो जाते है
डीमैट account भी बैंक खाते
की तरह काम करता है। यहां भी बैंक बैलेंस की केवल पासबुक में entry कराई जा सकती है, आप
इसे physical रूप में रख नहीं सकते, इसकी
सुरक्षा भी इलैक्ट्रोनिक तरीके से होती है, और
बैंक खाते की तरह ही डैबिट और क्रेडिट होता है।
4.डि मटीरियलाइज़ेशन
क्या है?
डिमटीरियलाइज़ेशन
फिजिकल शेयर प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है, जिसका
रखरखाव बहुत आसान है और इसे दुनिया भर में कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है।
5.डीमैट अकाउंट के प्रकार
डीमैट अकाउंट खोलते समय, इन्वेस्टर को अपनी
प्रोफाइल के अनुरूप डीमैट अकाउंट का प्रकार चुनना होगा। कोई भी भारतीय इन्वेस्टर या भारतीय निवासी ऑनलाइन अकाउंट
खोलने की प्रक्रिया का उपयोग करके कुछ ही मिनटों के भीतर डीमैट अकाउंट खोल सकता है भारत में 4 प्रकार के डीमैट खाते हैं, जिन्हें आपकी आवासीय स्थिति और लेनदेन की मात्रा के आधार पर चुना जा सकता
है।
1.नियमित डीमैट खाता (Regular Demat
Account): जैसा कि नाम से पता चलता है, यह एक ऐसा खाता है जो किसी भी भारतीय निवासी द्वारा खोला जा सकता है जो
इक्विटी, म्यूचुअल फंड, बांड, ईटीएफ आदि में सौदा
करना चाहता है।
- 2.मूल
सेवा डीमैट खाता (Basic Service Demat
Account): यह SEBI द्वारा
शुरू किया गया एक नए प्रकार का डीमैट अकाउंट है। यदि होल्डिंग मूल्य 50,000 रुपये से कम है। to इन
अकाउंट्स में रखरखाव में परिवर्तन नहीं होता है aur यदि 50,000 से 2 लाख रुपए
के बीच में hai to 100 रुपए का परिवर्तन होता है।
जो विशेष रूप से छोटे निवेशकों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो स्टॉक, बॉन्ड आदि में नियमित रूप से निवेश नहीं करते हैं।
·
रेगुलर डीमैट अकाउंट aur basic demat account me bas antr
hota hai charges ka kyoki regular demat account ka charges अधिक होते हैं। kyoki शुल्क के badle में यह अकाउंट सुविधाजनक और कई सेवाएं भी देते
हैं।
- 3.प्रत्यावर्तनीय
डीमैट खाता (Repatriable Demat Account): यह डीमैट खाता उन अनिवासी भारतीयों के लिए है जो
भारतीय शेयर बाजार से आय को अपने विदेशी बैंक खाते में स्थानांतरित करना
चाहते हैं। विदेश में आसानी से फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाता NRE बैंक खाते से जुड़ा होता है।
- 4.गैर-प्रत्यावर्तनीय
डीमैट खाता (Non-Repatriable
Demat Account): यह डीमैट खाता उन अनिवासी भारतीयों के लिए है जो भारतीय शेयर बाजार से
प्राप्त आय को अपने विदेशी बैंक खाते में स्थानांतरित नहीं करना चाहते हैं।
6.Demat Account कैसे खोलें
डीमैट अकाउंट दो
तरीकों से खोला जा सकता है:
1.Online 2. Offline
Online Demat Account
अगर आप अपना
डीमैट अकाउंट ऑनलाइन खोलना चाहते है तो आप किसी बैंक या ब्रोकर्स की वेबसाइट पर
जाकर डीमैट अकाउंट
खोल सकते है यदि आपका मोबाइल नंबर
आधार से जुड़ा हुआ है, तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट खाता खोल सकते हैं jaise :
- सबसे पहले वेबसाइट पर जाएँ और “Open an Account” पर क्लिक करें।
- अपना नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर और राज्य
भरें
- खाता खोलने के दस्तावेज अपलोड करें
- पहचान का प्रमाण (identy card )
- पते
का प्रमाण ( address proof )
- आय
का प्रमाण ( income certificate )
- बैंक
अकाउंट का प्रमाण ( bank account )
- पैन
कार्ड ( pan card )
- पासपोर्ट
साइज़ फोटो
अपने चेहरे के साथ
कैमरे की ओर अपना पैन दिखाकर एक वेरिफिकेशन करें
- अपने आधार को मोबाइल नंबर से सत्यापित करके
दस्तावेजों पर ई-हस्ताक्षर करें।
- आपका account 24 घंटे के भीतर activate हो जाएगा।
·
भारत में ऐसे कई बैंक है जो डीमैट अकाउंट खोलते
है। jaise :
·
ICICI Securities Ltd.
·
State Bank Of India.
·
HDFC Securities Ltd.
·
Axis Securities Ltd.
·
Kotak Securities Ltd.
Offline Demat Account
Step 1- किसी
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) जो NSDL
(The National Securities Depository Limited) या CDSL
(Central Depository Services (India) Limited) के ब्रोकर या
सब-ब्रोकर होते है उनसे संपर्क किया जा सकता है।
Step 2- खाता
खोलने के फॉर्म के साथ, आपको पहचान
प्रमाण और adress के प्रमाण के लिए कुछ दस्तावेजों की फोटोकॉपी jama करनी होगी।
Step 3- आपको
डिपॉजिटरी निर्धारित मानक प्रारूप में DP के
साथ एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करना होगा, जो
निवेशक और डीपी के अधिकारों और कर्तव्यों की डिटेल्स देता है। आप एग्रीमेंट की एक
प्रति और भविष्य के लिए प्रभार की अनुसूची प्राप्त करने के हकदार हैं।
Step 4- फिर
डीपी एक खाता खोलेगा और आपको डीमैट खाता संख्या देगा। इसे बेनिफिशियल ओनर
आइडेंटिफिकेशन नंबर (BO ID) भी कहा जाता है।
सिक्योरिटीज में आपकी सभी खरीद / निवेश इस खाते में जमा किए जाएंगे। यदि आप अपनी
सिक्योरिटीज बेचते हैं, तो आपका डीमैट
खाता डेबिट हो जाएगा। बहुत सी बैंक और संस्थान डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के रूप में
कार्य करते हैं। देश में कई निज़ी वित्तीय संस्थान हैं जो डीपी के रूप में कार्य
कर रहे हैं, जिनसे आप डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए संपर्क
कर सकते हैं और अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते है। Demat Account या Trading
Account को खोलते समय आप जिन कागजों पर हस्ताक्षर करते हैं उन पर लिखे गए
नियमों और निर्देशों को आप ध्यान से जरूर पढ़ लें।
7.Demat Account कैसे काम करता है
डीमैट
अकाउंट खोलने की प्रक्रिया में तीन पक्ष शामिल होते हैं-
आपका
बैंक,
डिपॉजिटरी
भागीदार ( DP )
और
डिपॉजिटरी
आपके
डीमैट अकाउंट से अपने बैंक अकाउंट को टैग करना निर्बाध रूप से ट्रेडिंग करने के लिए
महत्वपूर्ण है। अपने अकाउंट विवरण को लिंक करने से यह सुनिश्चित होता है कि जब आप
शेयर खरीदते हैं, तो
पैसे सीधे आपके बैंक अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं, और जब
आप बेचते हैं, तो
पैसे स्वचालित रूप से क्रेडिट हो जाते हैं।
डिपॉजिटरी
प्रतिभागी एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था, बैंक या स्टॉकब्रोकर हो
सकता है। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको DP से संपर्क करना होगा।
थर्ड पार्टी स्पष्ट रूप से डिपॉजिटरी है। वे आपकी ओर से डीमैट अकाउंट रखते हैं।
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8.Demat Account Charges
Demat खोलने
की कुछ फ़ीस होती है, जो अलग अलग banks और स्टॉक ब्रोकर
के द्वारा अलग अलग रूप में फ़ीस चार्ज किया जाता है, और
साथ ही साथ Demat Account खोलने के बाद
उसका Annual Maintenance Charge भी होता है,
जो आपको Demat अकाउंट की सेवा
के बदले हर साल एक फ़ीस के तौर पर देना होता है. जब
भी आप Demat Account खोलने के लिए
किसी बैंक के पास या स्टॉक ब्रोकर के पास जाते है, तो
वहा आप फ़ीस के बारे में जरुर पता करे ताकि आपको
एक्स्ट्रा चार्ज न देना पड़े.
यह Charges
कई प्रकार के होते है।
वार्षिक रखरखाव
शुल्क (Annual Maintenance Fees)
संरक्षक शुल्क (Protective
Duty Fees)
लेन-देन शुल्क (Transaction
Fees)
9.डीमैट अकाउंट के फायदे
SEBI ने निवेशकों के लिए
डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य बना दिया है। अगर आपके पास डीमैट account नहीं
है, तो आप भारतीय स्टॉक
एक्सचेंज में ट्रेड नहीं कर सकते डीमैट
ने भारतीय स्टॉक ट्रेडिंग बाजार की डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को सक्षम बनाया और SEBI द्वारा बेहतर
शासन लागू किया। इसके अलावा, डीमैट अकाउंट ने इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में
सिक्योरिटीज को संग्रहित करके भंडारण, चोरी, क्षति और
दुर्व्यवहार के जोखिमों को कम कर दिया। शुरुआत में, अकाउंट खोलने
की प्रक्रिया मैनुअल थी और निवेशकों ने इसे ऐक्टिवेट करने के लिए कई दिन लगते थे आज, कोई भी व्यक्ति
5 मिनट में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है।
आप
अपने स्मार्टफोन या डेस्कटॉप का इस्तेमाल करके ऑन-द-गो ट्रेड कर सकते हैं। आपको ट्रांज़ैक्शन
करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में जाने की आवश्यकता नहीं है। आपको कम ट्रांज़ैक्शन
लागतों का लाभ भी मिलता है क्योंकि शेयरों के ट्रांसफर के साथ कोई स्टाम्प ड्यूटी
शामिल नहीं है। डीमैट अकाउंट की ये विशेषताएं और लाभ इन्वेस्टर्स द्वारा ट्रेड की
अधिक मात्रा को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे
आकर्षक रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है।
- शेयरों
का निर्बाध और तेजी से ट्रांसफर
- सिक्योरिटीज
को डिजिटल रूप से सुरक्षित भंडारण की सुविधा प्रदान
- सिक्योरिटी
सर्टिफिकेट की चोरी, फोर्जरी, नुकसान और क्षति को दूर
karna
- ट्रेडिंग
गतिविधियों की आसान ट्रैकिंग प्रदान karna
- ऑल-टाइम
एक्सेस dena
- लाभार्थियों
को जोड़ने की अनुमति dena
- बोनस
स्टॉक, राइट्स
इश्यू , स्प्लिट शेयरों का
स्वचालित रूप से क्रेडिट
fast ट्रांसफर
Demat
Account के जरिए शेयरों की खरीद बिक्री बहुत आसान हो गई है। आज आप सौदा करते
हैं और शाम तक Share आपके Demat
Account में आ जाते हैं। वैसे तो normally Share तुरंत
आपके खाते में आ सकते हैं लेकिन इसके पहले Stock
Exchange की Settlement प्रक्रिया
का इंतजार किया जाता है। शेयर बाजार बंद होने के बाद करीब आधा घंटे तक Stock
Exchange में Settlement की
प्रक्रिया चलती है।
मामूली खर्च
शेयरों की Physical
Trading में काफी खर्च आता था। शेयर कट फट जाते थे। Duplicate
शेयरों की प्रिंटिंग, हैंडलिंग
और भेजने में काफी पैसा खर्च होता था। अब फिजिकल शेयरों के स्टोरेज और लेनदेन से
जुड़े सभी खर्च खत्म हो गए हैं। हालांकि अभी भी Demat
Account कायम रखने के लिए एक फीस तो देनी ही पड़ती है।
ऑड-लॉट की दिक्कत नहीं
दरअसल Trading
की सहूलियत के लिए शेयर सौ-सौ के गट्ठर (Lot)
में बेचे जाते थे। यानी सौ, दो
सौ, तीन सौ जैसे सौ के गुणांक में ही शेयर खरीदा जा
सकता था Lot में शेयरों की बिक्री के चलते लोगों को बड़ी
रकम का इंतजाम करना पड़ता था। हालांकि कुछ Market
Maker सौ से कम Share खरीदने की
सुविधा देते थे लेकिन इसके लिए वो अलग से फीस चार्ज करते थे। Demat
Account आने के बाद ये सभी दिक्कतें खत्म हो गई हैं। अब आप एक Share
की खरीद बिक्री भी कर सकते हैं।
पता बदलना आसान
जब आप किसी Company
का शेयर खरीदते है तो उस कंपनी के आंशिक मालिक भी बन जाते हैं। इसलिए
ये कंपनी की जिम्मेदारी है कि वो आपको महत्वपूर्ण जानकारी दे। इसीलिए कंपनियां
अपने Shareholder को जरूरी
सूचनाएं भेजती हैं। ये सूचना भेजने के लिए उन्हे हर शेयरहोल्डर का पता चाहिए। जब
आप शेयर खरीदते हैं तो नए शेयरहोल्डर का पता कंपनियों तक भेज दिया जाता है। लेकिन
अगर आपने अपना पता बदल दिया है तो ये आपकी जिम्मेदारी है कि कंपनियों को नए पता की
जानकारी हो।
पहले ये काम
काफी झंझट वाला था क्योंकि हर Company को
इसकी अलग-अलग सूचना देनी होती थी। लेकिन अब Demat
Account के चलते ये काम काफी आसान हो गया है। बस आपको अपने डीमैट अकाउंट में
पता बदलना होता है। इसके बाद आपकी कंपनियों तक नए Address की
जानकारी खुद-ब-खुद भेज दी जाती है।
हर तरह की सिक्योरिटी के लिए अकाउंट
Demat
Account में शेयरों के अलावा, Bond,
Mutual Fund Unit, Insurance Policy भी रखा जा सकता
है। दरअसल डीमैट अकाउंट आपके ज्यादातर निवेश का हिसाब-किताब रख सकता है। इस तरह से
Demat One-Stop Solution बन गया है।
डीमैट अकाउंट में :
Shares
Mutual Fund
Units
Ncds
(Non-Convertible Debentures)
Bonds
Gold Bonds
Insurance
Policy
सिक्योरिटीज को
रखा जा सकता है।
बोनस शेयर
कंपनियों
कभी-कभी अपने शेयरों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट देती हैं या फिर अपने निवेशकों
को Bonus भी देती हैं। इस Corporate
Action के चलते आपके डीमैट अकाउंट में शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। Demat
Account की वजह से ये पूरा काम स्वत: हो अगर कोई Company
Bonus Share देती है तो वो अपने आप आपके डीमैट अकाउंट में जुड़ जाता है। इसके लिए
आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है।
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10.शेयर मार्केट में t
2 क्या है?
टी का आशय ट्रेड डेट यानि लेनदेन
के तारीख से है। अर्थात जिस तारीख को आप किसी शेयर को बाजार में बेचते या खरीदते
हैं,
उस तारीख को टी से
संबोधित किया जाता है।टी + 2 का
आशय उस तारीख से है जिस तारीख को आपने टी वाले तारीख को लेन देन होता है, उसके सेटलमेंट से है। यानि टी
वाले दिनांक के दिन किये गए ट्रेड का सेटलमेंट टी दिनांक से तीसरे दिन होता है
बशर्ते कि कोई छुट्टी का दिन न हो। अगर कोई छुट्टी का दिन बीच मे पड़ा तो यह उसी
अनुसार आगे बढ़ जाता है यह सामान्य प्रक्रिया है
अगर आप इंटरनेट
आधारित प्लेटफॉर्म से व्यापार करते हैं तो आप अपनी होल्डिंग्स को ऑनलाइन देख सकते
हैं। विशेष रूप से ब्रोकर शेयरों को T+2 पर
क्रैडिट कर देता है जो कि ट्रेडिंग डे + 2 दिन
बाद होता है। जब आप शेयर बेचते हैं, आपको
अपने ब्रोकर को डिलेवरी निर्देश देने होते हैं, जिसमें
आपको बिके हुए स्टॉक में विवरण भरना होता है। आपके खाते में शेयर डेबिट हो जाता है
और आप बिके हुए शेयरों के लिए पैसे का भुगतान करते हैं। अगर आप इंटरनेट से भुगतान
करते हैं तो आपके खाते में शेयरों का डेबिट और क्रेडिट राशि अपने आप ही दिखने लगता
है। भारत में दो डिपॉजिटरी हैं - नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)
और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL),
जिनके द्वारा विभिन्न डिपॉजिटरी प्रतिभागियों द्वारा शेयर आयोजित किए
जाते हैं।
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11.Demat a/c & trading account difference
1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म
में रखने वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके
बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.
2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता
है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड
ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.
3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है.
ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर
होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.
12.अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1.क्या मेरे 2 डीमैट खाते हो सकते हैं?
आपके पास 2 या अधिक डीमैट खाते हो सकते हैं, लेकिन एक ही डिपॉजिटरी पार्टनर (DP) या स्टॉक ब्रोकर के साथ नहीं। यदि
आप एक ही DP के साथ 2 डीमैट खाते रखना चाहते हैं, तो आपको इसे अलग-अलग खाताधारकों
के साथ करना होगा। इसके अलावा, आपको अपने पैन कार्ड को अपने सभी डीमैट खातों से जोड़ना होगा।
2.डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट
के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं ?
आमतौर पर डीमैट
अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के
लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों में ट्रेड करता है तो ये
शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.
हालांकि,
अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे
शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग,
ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है,
तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है,
इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है
2.
सबसे अच्छा डीमैट
अकाउंट कोनसा है?
यह देखने के बजाय कि आपको यह
देखना चाहिए कि आपके लिए कौन सा स्टॉक ब्रोकर सबसे अच्छा है?
very nice information sir .........
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