प्याज का इतिहास



 प्याज का इतिहास 

आपने कई बार देखा और सूना होगा की आज प्याज की कीमत कितनी कम हो गई जबकि वही प्याज एक समय पर सबको अपने कीमत से रुला देने वाला समय भी ला देता है ऐसे में इसका महत्व कभी खत्म नहीं होता है जैसे आज भारत में प्याज की कीमत 180 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है तो वही भारतीय वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहा की वह प्याज नहीं खाती है इसलिए इसके बारे में अपनी राय नहीं दे सकती है जबकि एक ऐसे व्यक्ति को ऐसा जवाब वो भी देश की संसद में तो एक दम से ही गलत विचार है 



प्याज का इतिहास :-मिली जानकारी के अनुसार करीब 3200 ईसा पूर्व पहले मिश्र देश में प्याज की खेती शुरू हुई थी इसके साथ ही करीब करीब 1700- 1600 ईसा पूर्व के समय में बेबीलोन में प्याज से बनी हुई रेसपी के रूप में उपयोग किया जाता था 

मिश्र देश में प्याज उन लोगो को खाने के लिए दिया जाता था जो पिरामिड के निर्माण में बहुत ही अधिक मेहनत वाला कार्य करते थे क्योकि यहाँ की जलवायु के हिसाब से उस समय का सबसे ताकत देने वाला सब्जी हुआ करता था क्योकि प्याज को बिना पकाए भी खाया जा सकता है और इसमें सबसे अधिक पानी ही होता है जो एक कामगार को सबसे अधिक जरूरत होती है 



आप सभी को जानकारी होनी ही चाहिए की दितीय विश्व युद्ध में रुसी सैनिको को संक्रमण से बचाने के लिए प्याज खाने का सुझाव और संक्रमित हिस्से पर प्याज का लेप लगाने का आदेश जारी किया गया था 

और सबसे बड़ी बात ये भी है कि प्याज का जिक्र बाइबल और कुरान में भी काफी विस्तार से किया गया है प्याज का उत्पादन आज विश्व के करीब 170 देशो में होता है और करीब 90 लाख एकड़ भूमि पर इसकी खेती की जाती है 



भारत देश में :- सबसे बड़ी बात ये है कि महाराष्ट्र की लासलगाँव मंडी जो एशिया की सबसे बड़ी प्याज की मंडी है और एक तरह से देखा जाये तो यही से प्याज के कीमतों का निर्धारण होता है और लगभग कीमते इसके आसपास ही देशभर में देखने को मिलती है 

भारत में इसकी खेती की बात किया जाये तो 2015-16 में 13.20 लाख हेक्टेयर भूमि , 2016-17 में 13.06 लाख हेकटेयर भूमि तो वही 2017 -18 में भी कुछ इसी तरह का उत्पादन रहा है 

क्षेत्रफल के आधार पर देखा जाये तो विश्व में सबसे पहले स्थान पर भारत देश है इसके उत्पादन में तो वही केवल उत्पादन के आधार पर देखा जाये तो दुनिया में पहले स्थान पर चीन देश तो दुसरे स्थान पर भारत देश का स्थान ही आता है 

सबसे बड़ी बात ये होती है की भारत में कुल उत्पादन का करीब 25 से 30% नष्ट  हो जाता है इसके कई कारण होते है जैसे बीमारी , धूप की समस्या , भण्डारण का सही से नहीं कर पाना , 

भारत में ही बात किया जाये तो प्याज का सबसे अधिक उत्पादन महाराष्ट्र राज्य में इसकी खेती की जाती है और सबसे बड़ी बात ये भी है की इस राज्य में 1 वर्ष में ही प्याज की 2 बार खेती होती है तो वही सबसे अधिक प्याज का उत्पादन मध्यप्रदेश राज्य में होती है 

प्याज सामान्यत : 120 -130 दिनों में पूरी तरह से तैयार होता है और 1 हेक्टेयर भूमि में करीब 300 से 350 कुंतल प्याज की खेती होती है 

प्याज को लेकर किसानों की सबसे बड़ी समस्या ये देखी जा रही है की मध्य्प्रदेश राज्य में ही मंडी अधिनयम 1972 के अनुसार MSP ( न्यूनतम समर्थन मूल्य ) से कम कीमत पर कोई भी वस्तु नहीं खरीदी जा सकती है लेकिन आप इस राज्य के किसी भी मंडी में इस नियम के उल्लंघन देख सकते है इसके कारण से किसानों को इसका सही कीमत नहीं मिल पाता है जिसके कारण से इसकी खेती लगातार कम भी होती जा रही है भारत देश प्याज का निर्यात सबसे अधिक संयुक्त अरब अमीरात , कनाडा , जापान , कुवैत जैसे देशो में करता है लेकिन भारतीय प्याज आपको दुनिया भर के सभी देशो में खाने को मिल जायेगा 

प्रमुख समस्याये :- भंडारण की उचित व्यवस्था न होना ,अचानक बारिश के कारण से प्याज की फसल बर्बाद हो जाना क्योकि अगर एक बार प्याज भीग गया तो इसके सड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है और यह प्याज अधिक दिन तक नहीं रखा जा सकता है , महाराष्ट्र राज्य में लम्बे समय से पड़ रहे सूखा के कारण से कृषि क्षेत्र पर काफी नुकसान देखा जा रहा है ,किसानो को सही कीमत न मिलना जिसके कारण से इसकी खेती कम होती जा रही है ................... 

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