दुनिया भर में शांति कब और कैसे आएगी ?

 



दुनिया भर में शांति कब और कैसे आएगी ?

शांति सभी को प्यारी होती है इसकी खोज में इंसान अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर देता है किंतु यह काफ़ी निराशाजनक है कि आज इंसान दिन-प्रतिदिन इस शांति से दूर होता जा रहा है आज चारों तरफ़ फैले आतंकवाद , भ्रष्टाचार ,अंधविश्वास  ने शांति को व्यक्ति से और भी दूर कर दिया है

पृथ्वी, आकाश व सागर सभी अशांत हैं। स्वार्थ और घृणा ने मानव समाज को विखंडित कर दिया है। यूँ तो 'विश्व शांति' का संदेश हर युग और हर दौर में दिया गया है, लेकिन इसको अमल में लाने वालों की संख्या बेहद कम रही है।

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की स्थापना 1981 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी  2 महासभा ने यह दिन पहली बार 1981 में तय किया  और पहली बार 21  सितंबर 1982 में विश्व शांति दिवस मनाया गया इस दिन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विश्व की शांति के लिए घंटी बजाई जाती है घंटी अफ़्रीका को छोड़कर सभी महाद्वीपों के बच्चों द्वारा दान किए गए सिक्कों से बनाई गई है

9/11 का हमला : 11 सितम्बर 2001 को अमेरिका में अल-क़ायदा आतंकवादी संगठन ने चार हवाई जहाजो का अपहरण कर लिया दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ( WTO ), न्यूयॉर्क शहर के टावर्स  के साथ टकरा दिया जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा भवनों के अंदर काम करने वाले  लोग भी मारे गए इन  हमलों में लगभग 3,000 आम नागरिक तथा 19 अपहरणकर्ता आतकंवादी  मारे गए अमेरिका  ने आतंक के विरुद्ध युद्ध शुरू करके हमले की प्रतिक्रिया व्यक्त की  आतंकवाद को आश्रय देने वाले तालिबान को खत्म  करने के लिए इसने अफगानिस्तान पर हमला  कर दिया और करीब 20  वर्षो तक अमेरिका और तालिबान युद्ध चलता रहा 

COVID-19 के आने से हमारी पूरी  दुनिया में उथल-पुथल मच गई और हमें याद दिलाया गया कि ग्रह के एक हिस्से में जो होता है वह हर जगह के लोगों को प्रभावित कर सकता है ऐसे ही आपके लिए शांति है भले ही किसी को दिखाई न दे कोरोना से पहले तक अमेरिका , यूरोप के सभी देश और इधर चाइना अपने आप को सबसे शक्तिशाली मानते थे लेकिन सबसे ज्यादा मौते इन्ही देशो में हुई है 

1945 से, संयुक्त राष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों ( चीन , फ्रांस , रूस , ब्रिटेन  और अमेरिका ) ने युद्ध के बिना संघर्षों को हल करने के उद्देश्य से काम किया है 



बौद्ध धर्म का मानना ​​है कि विश्व शांति केवल तभी प्राप्त की जा सकती है जब व्यक्ति पहले अपने मन में शांति स्थापित करें क्योकि  क्रोध और मन की अन्य नकारात्मक स्थितियाँ युद्ध और संघर्ष का कारण बनती है  

ईसाई धर्म : शांति केवल ईश्वर के वचन और प्रेम से आ सकती है

हिंदू धर्म ने एक प्राचीन संस्कृत वाक्यांश वसुधैव कुटुंबकम को अपनाया है जिसका अर्थ  "दुनिया एक परिवार है सभी धर्मों में  हिंसा ना करना एक मूल सिद्धांत है 

सिख धर्म के अनुसार  शांति ईश्वर से आती है चाहे कोई भी जाति, लिंग या धर्म का हो, भगवान की नजर में सभी समान हैं

पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने विश्व में शांति और अमन स्थापित करने के लिए पाँच मूल मंत्र दिए थे, इन्हें 'पंचशील के सिद्धांत' भी कहा जाता है

1.एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना।

२.एक दूसरे के विरुद्ध आक्रामक कार्रवाई न करना।

3.एक दूसरे के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप न करना।

4.समानता और परस्पर लाभ की नीति का पालन करना।

5.शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की नीति में विश्वास रखना।

माना जाता है की अगर विश्व इन 5 बिंदुओं पर पालन करे तो हर तरफ शांति वाला माहौल होगा

सफ़ेद कबूतर उड़ाना : इसके उपलक्ष्य में हर देश में जगह-जगह सफ़ेद रंग के कबूतरों को उड़ाया जाता है, जो कहीं ना कहीं 'पंचशील' के ही सिद्धांतों को दुनिया तक फैलाते हैं 

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2023 में दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड को बताया गया है लगातार छठी बार ऐसा हुआ है इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर डेनमार्क और तीसरे पर आइसलैंड है सवाल है कि फ़िनलैंड  के नागरिक बाकी देशों की तुलना में ज्यादा खुश क्यों हैं?  जैसे- लोगो की इनकम में असमानता का न होना , हाई सोशल सपोर्ट, फैसले लेने की आजादी और कम भ्रष्टाचार. इस लिस्ट में भारत को 125 वा स्थान  जबकि सबसे खराब देश अफगानिस्तान है, जो आखिरी पायदान पर है

1.रूस और युक्रेन देश : रूस  दुनिया का सबसे बड़ा देश है जिसका क्षेत्रफल 1 करोड़ 70 लाख  वर्ग किलोमीटर है प्रथम विश्व युद्ध के साथ ही अमेरिका के साथ इसके रिश्ते ख़राब होते चले गए और 1991 में सोवियत रूस का विघटन होने के बाद इससे करीब 15 नए देश बने इतने देश बनने के बाद  भी आज रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है और वही युक्रेन देश का कुल क्षेत्रफल 6 लाख वर्ग किलो मीटर रूस की तुलना में करीब 30 युक्रेन देश इसके बाद भी पिछले 20 महीनो से दोनों देशो के साथ ही विश्व के कई देश इस युद्ध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर इसमें शामिल है इस युद्ध का बस एक ही कारण है रूस को  1991 से पहले  की स्थिति में लाना क्योकि रूस अपने आप को दुनिया का सबसे बड़ा महाशक्ति वाला देश मानता है 


२.चाइना और भारत देश : चीन देश का क्षेत्रफल  करीब 96  लाख वर्ग किलोमीटर है जबकि भारत देश की 32 लाख वर्ग किलोमीटर अर्थात चाइना भारत की तुलना में 3 गुना बड़ा है और जनसँख्या अब लगभग समान हो गई इसके बाद भी चीन समय समय पर ग्रेटर चाइना की मांग करता रहता है इसके तहत चाइना भारत के अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग  किमी के हिस्से पर अपनी दावेदारी करता है जबकि, लद्दाख का करीब 38 हजार वर्ग किमी का हिस्सा चीन के कब्जे में है आज करीब दुनिया के 6 देश चीन के कब्जे में है जबकि चीन की 90 % जनसँख्या  बौद्ध धर्म के अनुयायी है बौध धर्म का मूल उद्देश्य है : विश्व शांति के लिए हिंसा का त्याग लेकिन चीन देश की नीति क्या है दुसरो की जमीन पर कब्ज़ा करना और विरोध करने पर युद्ध करना  इसलिए अपने फायदे  के लिए आप धर्म को बदनाम नहीं कर सकते है कही आप भी तो अपने लाभ के लिए धर्म का सहारा तो नहीं ले रहे है  ?


3.ग्रेटर नेपाल :  नेपाल देश  वर्तमान भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश , बिहार , पश्चिम बंगाल  और बांग्लादेश के कुछ हिस्से को  ग्रेटर नेपाल में मानते है  जो इन क्षेत्रों को नेपाल को "वापसी" देने की मांग करता है  सुगौली संधि 1816 में  नेपाल ,भारत और ब्रिटिश सरकार के मध्य हुई थी जब भी भारत सरकार अपने देश का नक्शा जारी करती है तो नेपाल भी अपने देश का नक्शा जारी करता है और भारत के इन इलाको को अपने नक़्शे में दिखाता है 



4.अखण्ड भारत का सपना अर्थात खंडित होने के पहले का भारत यह दावा किया जाता है कि वर्तमान समय का अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यान्मार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और तिब्बत एक ही राष्ट्र हैं और जब ये सभी देश भारत में मिल जायेंगे तो अखंड भारत बनेगा 

भारत के नये संसद भवन में अखण्ड भारत का मानचित्र बनाया गया है

 5.इस्राइल-फिलिस्तीन विवाद:  येरुशलम या जेरुशलम शहर एक ऐसा शहर जहा एक साथ तीन धर्मो की पवित्र भूमि है इसाई धर्म , इस्लाम धर्म और यहूदी धर्म एक तरफ ईसाई धर्म का मानना है की इसी शहर में इसा मसीह जी को सूली पर चढ़ाया गया था इसलिए इनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है इस्लाम धर्म के अनुसार मोहमद शाहब इसी शहर से होते हुए जन्नत गए थे और यहूदी धर्म का मनाना है परमपवित्र सोलोमन मन्दिर हुआ करता था  इस शहर की अहमियत ऐसे भी समझ सकते है 14 मई 1948 को यहूदियों ने स्वतन्त्रता की घोषणा करते हुए 'इजराइल' नाम के एक नए देश का ऐलान कर दिया। अगले ही दिन अरब देशों ने मिलकर इजराइल पर हमला कर दिया और मात्र 6 दिनों के युद्ध में इजराइल ने ना केवल अरब देशो को हराया बल्कि दुनिया के सबसे पवित्र शहरो में से एक येरुशलम को अपने कब्जे में ले लिया और पिछले 75 वर्षो में सबसे चर्तित और विवादित शहर बना हुआ है  


भूटान देश : भूटान का कुल एरिया 38000 वर्ग किलोमीटर है अगर आप  भारत देश से तुलना करे तो करीब 90 गुना छोटा देश है और अमेरिका से 256 गुना छोटा देश है इंटरनेट और टेलीविजन को यहां 1999 में ही इजाज़त दी गई थी। 1970 में पहली बार किसी विदेशी पर्यटक को यहां आने की इजाज़त दी गई थी भ्रष्ट्राचार यहाँ पर नहीं है इसके साथ ही भूटान को खुशहाल देशो की लिस्ट में सबसे अच्छा स्थान दिया जाता है लोग घरो में ताले तक का प्रयोग नहीं करते है 

इंसानियत का धर्म : आज प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना होगा कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है। मानव कल्याण की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। भाषा, संस्कृति, पहनावे भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, लेकिन विश्व के कल्याण का मार्ग एक ही है। मनुष्य को नफरत का मार्ग छोड़कर प्रेम के मार्ग पर चलना चाहिए विश्व में फैली अशांति और हिंसा को देखते हुए हाल के वर्षो में शांति कायम करना मुश्किल ही लगता है, किंतु उम्मीद पर ही दुनिया कायम है और यही उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही वह दिन आएगा, जब हर तरफ शांति ही शांति होगी।


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