भारतीय एयरलाइन्स क्या घोटालो का क्षेत्र है ?
आप समय-समय पर भ्रष्टाचार या कहे की घपले के बारे में सुनते रहते हैं पर कभी ध्यान नहीं दिया होगा ध्यान न देने के कारण कई हो सकते हैं जैसे आपके आसपास घपला होना कोई बड़ी बात ना होना अर्थात सभी लोग कुछ ना कुछ घपले कर ही लेते हैं या आपको लगता है कि बता देने पर आपके परिवार या जीवन के लिए खतरा बढ़ सकता है इसलिए जो कर रहे हैं उन्हें करने दो ऐसे कई और पॉइंट भी हो सकते है |
लेकिन आज हम बात करेंगे भारतीय एयरलाइंस डिपार्टमेंट की , सबसे पहले आप सभी को जानकारी होनी चाहिए कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत ही नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA ) की जिम्मेदारी होती है कि यह प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर की जो भी हवाई सेवाए चल रही है उन पर कंट्रोल करना हवाई जहाज उड़ाने वाले पायलटो की एग्जाम कराना , गलती करने पर इन्हें सजा भी देना इसके साथ ही हवाई जहाज उड़ाने का लाइसेंस प्रदान करना बिना इस लाइसेंस के कोई भी पायलट हवाई जहाज या हेलीकाप्टर नहीं उड़ा सकता |
इसके साथ ही देश के हर एयरलाइंस की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखना, नियंत्रण रखना उन्हें हवाई सेवाओं के रूट प्रोवाइड करना और किसी भी हादसे की जांच करना भी इसी DGCA के अंतर्गत आता है |
आप सभी को जानकारी होगा कि अधिक पैसा कमाने के चक्कर में एयरलाइन नियमों के खिलाफ जाकर सेवाओं का संचालन भी करती है और पकड़े जाने पर इन्हें दंडित भी किया जाता है यदि मामला बहुत ही अधिक गंभीर है तो लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाता है यहां पर यह कहना गलत नहीं होगा कि इन सब अधिकारों के कारण निदेशालय के अधिकारियों की शक्ति असीमित है जिसका गलत तरीके से प्रयोग कर अधिक धन भी कमा सकते हैं इसी के कारण से ही हर मीडिया हाउस में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय को कवर करने के लिए विशेष रिपोर्टर होते इन रिपोर्टर्स का काम ऐसी अनीयमितताओ को उजागर कर जनता के सामने लाना होता है पर बड़े ही दुःख या यू कहे कि शर्म के साथ मुझे कहना और आपको सुनना पड़ रहा है कि यह रिपोर्टर अपने काम को अच्छी तरह से नहीं करते हैं सभी रिपोर्टर ही ऐसे नहीं है लेकिन संख्या में बहुत कम सही रिपोर्टर मिलेंगे
इसका कारण भी पूरी तरह से स्पष्ट है कि जैसे कि ये एयरलाइन्स ऐसे रिपोर्टर या उनके संपादक को प्रोटोकॉल के नाम पर तमाम सुविधा उपलब्ध कराती हैं फ्री का टिकट देना , टिकट को अपग्रेड करना , निश्चित स्थान पर जाने के बाद फाइव स्टार होटल में रुकने की व्यवस्था ,एक अतिथि की तरह मान सम्मान , गाड़ी घोड़े की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहते है इन सभी बातों को ध्यान से समझे तो हमारे सामने एक उदाहरण आ रहा है जेट एयरवेज के अनेक घोटाले नरेश गोयल की इस एयरलाइंस ने अपने जन्म से इतने घोटाले किए हैं कि इसे कब का बंद हो जाना चाहिए था
किन्तु नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अफसर ,राजनेताओं और मीडिया में अपने ऐसे ही संबंधों के कारण से यह एयरलाइंस करीब 20 वर्षों से भी ज्यादा दिनों तक निडर होकर घोटाले करते रही इन हालातो में देश के हित में जेट एयरलाइंस के घोटाले को उजागर करने का काम दिल्ली के कालचक्र समाचार के प्रबंधकीय संपादक रजनीश कपूर ने किया इसी के आधार पर CBI और CVC ने जेट एयरलाइंस के खिलाफ दर्जनों शिकायते दर्ज की और DELHI हाईकोर्ट में PIL भी दायर की जा चुकी है |
इस तरह से चार वर्षो तक लगातार सरकार पर दबाव बनाने के बाद ही जेट एयरवेज पर कार्रवाई शुरू हुई है अगर जेट एयरवेज की अपराधों को ही छुपाने की बात होती तो माना जा सकता है कि राजनीतिक दबाव में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) इस पर कार्रवाई नहीं करता पर यहां तो ऐसे घोटाले को अम्बार लगा पड़ा है ताजा उदाहरण देश की एक राज्य सरकार के पायलट का ही है जिसके पिता इस राज्य के एक बड़े अधिकारी थे वे तत्कालीन मुख्यमंत्री के कैबिनेट सचिव जो की स्वय एक पायलट थे के काफी करीब थे इसलिए इन महाशय की नियुक्ति ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर रख दी
अगर पायलटो की नियुक्ति के नियमों पर ध्यान दे तो जैसे अति विशिष्ट लोगों को हवाई सेवा देने के लिए किसी पायलट की नियुक्ति होती है तो उसका मूल आधार (BASE ) है कि उस पायलट के पास न्यूनतम 1000 घंटे की उड़ान का अनुभव होना ही चाहिए जो करीब 42 दिन के बराबर का अनुभव होता है लेकिन उनके पास केवल अपने पिता के संपर्कों के अलावा कुछ भी नहीं था इस पायलट पर यह भी आरोप लगा है कि उसने अपने आपराधिक इतिहास की सही जानकारी छुपा कर अपने लिए एयरपोर्ट एंट्री पास भी हासिल कर लिया था इसकी शिकायत भी कालचक्र समाचार एजेंसी ने नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS ) के महानिदेशालय से की थी और जाँच के बाद सभी आरोपो को सही पाए जाने के बाद इस पायलट का एयरपोर्ट एंट्री पास अभी हाल ही में रद्द कर दिया गया
इतने आरोप क्या कोई कम थे कि जो इस पायलट ने एक हवाई यात्रा के समय इसने बीच आसमान में को- पायलट के साथ सीट बदलकर विमान के कंट्रोल को अपने हाथ में ले लिया था जो की न सिर्फ गैर कानूनी है ,खतरनाक है , बल्कि आपराधिक कदम है इसके कारण से डीजीसीए ने इस पायलट के साथ-साथ इसके लाइसेंस को भी 10 जून 2020 को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है |
इसी प्रकार कुछ और घटनाएं सामने आई है जैसे वर्ष 2018 में जेट एयरवेज के लन्दन फ्लाइट जिसमें दोनों पायलट बीच यात्रा में ही काकपिट से बाहर निकल आते हैं इसके पहले जितने भी घटनाओं पर अभी तक मैंने चर्चा किया है सभी में यह सबसे गंभीर मामला माना जा सकता है और फ्लाइट की जांच करने के बाद पायलट व को -पायलट को 5 वर्ष के लिए निलंबित किया गया था |
गहराई से जांच करने के बाद पता तो ये चलता है कि इस पायलट ने इस बात को सुनिश्चित करवा लिया था कि इस निलंबन को भी वह रद्द करवा लेगा इस पायलट के ऊपर वित्तीय अनिमित्ताओ के भी आरोप लगे हैं और अभी हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को इस विषय में लिखित सूचना भी दी है |
बताया तो यह भी जा रहा है कि इस पायलट के परिवार के रिलेशन 200 से भी अधिक कंपनियों के मालिकों से जुड़े हैं और इन कंपनियों पर भी अवैध रूप से सैकड़ो करोड रुपए का हेर फेर होने का आरोप है जिसकी जांच अभी तो चल ही रही है यह तो केवल एक ऐसा मामला था जिसकी जाँच DGCA के अधिकारियों को करनी थी लेकिन अगर DGCA के तैनात अधिकारी स्वय ही भ्रष्टाचार और घोटालो में पकड़े गए हो तो न्याय कैसे मिल सकेगा ? ये तो वही वाली बात हुई है कि हम भी चोर आप भी चोर तो पकड़ेगा कौन ?
जैसे DGCA में तैनात कैप्टन अतुल चंद्रा भी ऐसी ही संदिग्ध छवि वाले अधिकारी हैं इनकी नियुक्ति 2017 में एयर इंडिया से प्रति नियुक्ति पर DGCA में आए और वर्तमान में चीफ फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं CFOI का पद बेहद संवेदनशील होता है क्योंकि यह विमान सेवाओं और पायलट के उलंघन पर नजर रखता है
आप सभी को जानकारी होनी ही चाहिए की 2017 से आश्चर्यजनक रूप से अतुल चंद्रा 19 महीने तक एयर इंडिया और DGCA दोनों से ही वेतन प्राप्त करते रहे जो की एक बहुत बड़ा अपराध है 2019 में मामले का खुलासा हुआ तो 2 करोड़ 80 लाख रुपए में से इन्होंने 80 लाख रुपये ही वापस किया
इसके साथ इनकी जाँच फेमा और PMLA के उलंघनो के लिए प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है लेकिन आश्चर्य है कि इन सब आरोपो को दूर रखते हुए अतुल चंद्रा ने DGCA में अपना कार्यकाल 30 जून 2020 को समाप्त कर लिया बताया तो यह भी जा रहा है कि यह लगातार अपने कार्यकाल को बढ़ाने की कोशिश भी कर रहे थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगा जैसे दावों पर भरोसा करने वाले ऐसे मामले में तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा करेंगे इन छोटी-छोटी घटनाओं के कारण भारत के जेट एयरवेज जो अप्रैल 1992 से शुरू हुआ था मात्र 27 वर्षों में अप्रैल 2019 में पूरी तरह से बंद हो गया
इसी प्रकार ही एयर इंडिया पर 50000 करोड़ का कर्ज अभी भी है जेट एयरवेज एयरलाइंस बंद होने वाली भारत की पहली एयरलाइंस नहीं होगी इसके पहले किंग फिशर एयरलाइंस विजय माल्या करीब 9000 करोड रुपए लेकर भाग गए , इंडियन एयरलाइंस, सहारा एयरलाइंस , एयर इंडिया जैसी एयरलाइन्स इसी के कारण डूब गई और ऐसा ही रहा तो कुछ ही समय बाद आप अंगुलियों पर गिन पायेंगे की अब कितने एयरलाइन्स देश की सेवा के लिए बचे है जो बहुत ही ख़राब स्थिति मानी जाएगी |
#घोटाला, #केंद्रसरकार,#सरकारीरिपोर्ट, #रिपोर्ट, #भारत सरकार , #मोदीसरकार , #भ्रष्टाचार , #Corruptioninindia , #news, #rammandirnews, #kldclasses ,

)