MIT vs IIT ( दुनिया के दो सबसे बड़े कालेजो की तुलना )
देश के 23 IIT में एडमिशन के लिए JEE एडवांस का रिजल्ट इसी Week में जारी किया गया है और इस वर्ष के टापर पुणे के रहने वाले चिराग फ़लौर ने 396 में से 352 का स्कोर किया है जैसा की आप सभी जानते है की भारत देश में IIT में जाना लाखो बच्चो के साथ साथ उनके परिवार का भी एक सपना होता है लेकिन इस वर्ष एक विवाद् शुरू हो गया है क्योकि इस वर्ष के टापर चिराग ने IIT में एडमिशन न लेकर MIT में एडमिशन लेने का फैसला किया है इस पर दो तरह की बाते की जा रही है एक तो वे है जो सपोर्ट में है और दुसरे विरोध में लेकिन इस पर चिराग का क्या कहना ये भी महतवपूर्ण है :-
चिराग के अनुसार :
1. MIT में फर्स्ट इयर के स्टूडेंट भी फैकल्टी की लीडरशिप में रिसर्च शुरू कर सकते है जबकि IIT में यह सुविधा नहीं है
2. MIT के 95 पूर्व छात्रों व फैकल्टी मेम्बर को अलग अलग विषयों के लिए नोबल प्राइज मिल चूका है जिनमे से कुछ प्रोफेसर भी है जिनसे पढने का मौका MIT में मिलेगा
3.चिराग का कहना है की उन्हें फिजिक्स लेना था क्योकि वे Astro फिजिक्स में अपना कैरियर बनाना चाहते है जिससे वे ISRO/NASA में जा सके और वहा से मंगल ग्रह पर खोज में अपना योगदान दे सके
जबकि IIT में सभी टापर कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक्स विषय को ही सलेक्ट करते है तो ऐसे में मुझे जो स्कोप MIT में दिखा वह IIT में नहीं है और विदेशी छात्रों के साथ पढने का मजा ही कुछ और है |
MIT vs IIT : MIT का पूरा नाम मैसाच्युट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ,कैब्रिज अमेरिका
स्थापना : 1861
MOTO : Mind and hand
OWNER : private
Ranking 2020 : 5 th
Course : total 41 ( PHD/B.Tech/MBA/Master Course
Total Seat : 11520
Education Medium : Offline & Online
30 Depaartment and 5 school
Fees. B.Tech : 42 Lakh One Year
Registration fee : $ 75 to 250 ( for indian student 5625 to 18750 रुपये )
Application form : 50000 से अधिक
Select : 11520
विदेशी छात्र : 129 ( 2019-20 )
एडमिशन : इंटरव्यू के साथ अन्य कई प्रक्रियाये
महत्वपूर्ण : 1861 में स्थापित स्कूल , 1865 में पहले छात्र का एडमिशन , 1871 में पहली महिला का एडमिशन
पुरस्कार : 95 नोबल प्राइज विजेता , 58 : नेशनल मैडल ऑफ़ साइंस , 29 : नेशनल मेडिकल ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन और अन्य कई पुरस्कार प्राप्त
फेमस डिपार्टमेंट : इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस
वर्ष 2019 में 7.5 लाख भारतीय स्टूडेंट विदेश गए थे जिसमे से मात्र 334 को ही MIT में एडमिशन वह भी इसमें अंडर ग्रेज्युएट के साथ साथ ग्रेजुएट छात्र भी शामिल है
2017 तक यह शहर का सबसे बड़ा टैक्स पेयर था शहर के कुल राजस्व का 14 % |
MIT के छात्रों ने अभी तक 25800 कंपनियों की स्थापना की है जो करीब 30 लाख लोगो को रोजगार देती है यदि आप MIT के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित कंपनियों का एक देश बनाये तो इनके पास दुनिया के किसी भी देश का 11 वा सबसे बड़ा जीडीपी होगा 2019 में चंद्रमा पर पैर रखने वाले 12 लोगो में से 4 ने MIT से ही ग्रेजुएशन किया था
यूरोपीय सेंट्रल बैक के प्रेसिडेंट : मारियो खिंची , भारतीय RBI के पूर्व गवर्नर : रघुराम रजन ,
UN के पूर्व महासचिव : कोफ़ी अन्नान
IIT : पूरा नाम इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
भारत के राष्टीय महत्व के संस्थानों में से एक है
स्थापना : 1961 ( अर्थात MIT के 100 साल बाद )
Owner : public
रैंकिंग : 2020 में टॉप 300 में भी जगह नहीं
कोर्स : केवल 9 ( B.Tech/Under graduate/Graduate course
टोटल सीट : 13674 ( कुल 23 IIT को मिलाकर )
एजुकेशन मीडियम : केवल ऑफलाइन
23 IIT + 32 NIT + 18 IIIT / 19 GFTIs
फ़ीस बी . टेक : 143000 प्रति सेमेस्टर और 4 साल के कोर्स का करीब 10 लाख रुपये
रजिस्ट्रेशन फ़ीस : GEN/ OBC : 2800 रुपये , PH/SC/SC/महिला : 1400 रुँपये
इसके साथ ही जो छात्र सार्क ( SAARC ) देशो से इस फॉर्म को भरते है उनके लिए इसकी फीस : $ 75 से लेकर 150 डालर जो करीब भारतीय रुँपये में 5625 से लेकर 11250 रुँपये तक होता है |
प्रति वर्ष फॉर्म : 11 लाख से अधिक
सेलेक्ट छात्र : 13674
विदेशी छात्र : 153 ( 2020 -21 ) विदेशी छात्र को कुल कोर्स का 10 % सीट मिलता है
एडमिशन प्रोसेस : JEE MAIN + JEE ADVENCE एग्जाम
महत्वपूर्ण : भारत की सबसे कठिन इंजीनियरिंग कोर्सेज
वर्ष में अब 2 बार कराया जाता है पहली बार जनवरी में और दूसरी बार सितम्बर में
फेमस स्टूडेंट : लेखक चेतन भगत , मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल , रक्षामंत्री और मुख्यमंत्री मनोहर पर्किकर , AADHAR कार्ड के जन्मदाता नन्दन निलेकनी , RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन , गूगल के CEO सुदर पिचाई
IMAGE : MIT vs IIT
कुछ एक्सपर्ट का कहना है की सभी जगह पर अंडर ग्रेजुएशन का वक्त तो क्लास रूम और प्रोजेक्ट बनाने में चला जाता है और ग्रेजुएशन के समय रिसर्च की बात आती है जिसमे IIT पीछे छुट जाती है
MIT में टीचर्स को पढ़ाने का कोई प्रेशर नहीं रहता है जिसके कारण से रिसर्च में अधिक समय मिलता है अभी पिछले कुछ वर्षो से ही IIT ने भी रिसर्च पर फोकस अधिक देना शुरू किया है अभी कुछ महीने पहले 7 IIT ( जिसमे बॉम्बे , दिल्ली , गुवाहाटी , कानपुर , खड़कपुर , मद्रास , और रूढ़की ) ने ये फैसला किया था की वे टाइम हायर एजुकेशन ( THE ) की वर्ल्ड युनिवर्सिटी रैंकिंग में हिस्सा नहीं लेंगे इसका कारण रैंकिंग की पारदर्शिता पर भरोसा नहीं है
IIT के डायरेक्टर ने पिछले वर्ष कहा था की यदि DELHI एनसीआर में सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी स्टार्टअप युनिकॉर्न हा तो उसमे IIT का योगदान जरुर है यदि भारतीयों के बांये 24 युनिकारों में से 14 IIT DELHI के पूर्व छात्रों की दें है तो हम कुछ तो अच्छा कर रहे होंगे |
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VERY NICE INFOMATION
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