Multi cap vs Flexi cap in share market

 



1.मल्टी कैप vs फ्लेक्सी कैप फंड: लंबे समय तक SIP के जरिए निवेश करने पर ज्यादा फायदा, जानिए कौन सा फंड बेहतर

नए साल में अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो मल्टी-कैप और फ्लेक्सी-कैप अच्छा ऑप्शन हो सकता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, पिछले एक साल में मल्टी-कैप ने 44.11% तक का रिटर्न दिया है। जबकि, फ्लेक्सी-कैप में पिछले एक साल में 43.13% तक का रिटर्न मिला है दोनों रिटर्न 4 जनवरी 2024 तक के हैं। लंबे समय तक SIP के जरिए निवेश करके आप इन दोनों फंड के जरिए अच्छा रिटर्न पा सकते हैं

  स्मॉल कैप, मिड कैप सहित अन्य कैप क्या होते हैं ?

मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी मार्केट वैल्यू के हिसाब के देश की सभी कंपनियों को 3 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें जिन कंपनियों का मार्केट कैप 20 हजार करोड़ रुपए या इससे ज्यादा होता है, उन्हें लार्ज कैप कहा जाता है। jinki वैल्यू 20 हजार करोड़ रुपए से कम, लेकिन 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होती है, उन्हें मिड कैप कंपनी कहा जाता है। जबकि स्मॉल कैप कंपनियां वैसी कंपनियां हैं जिनकी वैल्यूएशन 5 हजार करोड़ से कम होती है।

 

Small cap : 5000 करोड़ से कम  :

Mid cap : 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा  लेकिन 20 हजार करोड़ रुपए से कम

Large cap : 20000 करोड़ रुपए या इससे ज्यादा होता

 

आमतौर पर मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 100 कंपनियां लार्ज कैप,

100-250 तक मिड कैप  

और इसके बाद की सभी कंपनियां स्मॉल कैप कंपनियां होती हैं।


मल्टी कैप फंड और फ्लेक्सी कैप फंड क्या होते हैं?
मल्टी कैप फंड, डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड होते हैं। यानी स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप का एक 'पैकेज' फंड।

इस कैटेगरी के फंड में निवेश करने पर इन्वेस्टर्स का 25% पैसा स्मॉल कैप कंपनियों,

25% मिड कैप कंपनियों और  

25% लार्ज कैप कंपनियों में निवेश होता है।

जबकि 25% पैसा फंड मैनेजर अपने हिसाब से इन्वेस्ट कर सकता है।

इसमें सिंगल फंड के जरिए आप एक साथ सभी साइज और सेक्टर की कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं। वहीं, फ्लेक्सी कैप में फंड मैनेजर अपने हिसाब से इन्वेस्टर्स का पैसा स्मॉल, मिड या लार्ज कैप में निवेश करते हैं। इसमें फंड मैनेजर इस बात के लिए बाध्य नहीं रहता है कि उसे किसना फंड कैटेगिरी में कितना निवेश करना है।

                                  

मल्टी-कैप फंड या फ्लेक्सी-कैप फंड बेहतर?
अगर आप एक म्यूचुअल फंड के जरिए अपने पैसे को 25% लार्ज, 25% मिड और 25% स्मॉल कैप कंपनियों के स्टॉक्स में डायवर्सिफाई करने निवेश करना चाहते हैं तो आप मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड का ऑप्शन चुन सकते हैं।

हालांकि, मल्टी कैप फंड का ज्यादा पुराना रिकार्ड नहीं है, यह फंड नए SEBI रूल्स के बाद सितंबर 2020 में आए हैं। वहीं, अगर आपको म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर की निवेश रणनीति पर भरोषा है तो आप फ्लेक्सी-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं।

बेंचमार्क
बेंचमार्क आम तौर पर भारतीय शेयर बाजार के BSE सेंसेक्स और निफ्टी जैसे मार्केट सूचकांक होते हैं, जिसके साथ म्यूचुअल फंड के रिटर्न को कंपेयर किया जाता है।

JAISE :
अगर आपके किसी खास म्यूचुअल फंड ने किसी खास समय के दौरान 60% का रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान उसके बेंचमार्क ने 70% रिटर्न दिया है तो इससे यह पता चलता है कि उस फंड ने बेंचमार्क की तुलना में कम रिटर्न दिया है। बेंचमार्क की तुलना में जो म्यूचुअल फंड जितना ज्यादा रिटर्न देता है उसका परफॉर्मेंस उतना बेहतर माना जाता है।

लंबे समय में SIP के जरिए निवेश करने पर ज्यादा फायदा
अक्सर देखा जाता है कि इक्विटी फंड में निवेश लंबे समय में ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। इसकी वजह यह है इक्विटी फंड में लंबे समय तक SIP करने से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है। शेयर बाजार के निचले स्तर और ऊंचे स्तर का एक औसत रिटर्न बनता है और साथ ही कम्पाउंडिंग का फायदा भी मिलता है।

 

क्या SIP निवेश का सबसे अच्छा तरीका है?
शायद इसे निवेश का सबसे अच्छा तरीका कहना तो उचित नहीं होगा लेकिन यह नियमित आय वाले लोगों के लिए निवेश का अच्छा तरीका जरूर हो सकता है जैसे वेतनभोगी और कारोबारी जिनकी हर महीने एक निश्चित आय तय है। SIP से निवेश जेब पर भारी नहीं पड़ता और छोटी- छोटी राशि लगातार निवेश करने से लम्बे समय में एक अच्छी खासी रकम जुटाई जा सकती है।




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