कैलाश मानसरोवर
समय समय पर इस स्थान को लेकर चर्चाये होती रहती है कभी यात्रा करने के रास्ते को लेकर तो कभी इसके यात्रा पर खर्च होने वाले बजट पर क्योकि यहाँ पर जाने के लिए कई मार्ग उपस्थित है जैसे आप यहा से नेपाल और चीन देश के माध्यम से ही जा सकते है ऐसे में कोई सरकार कभी अनुमति देती है तो कभी शर्त के नाम पर कई पाबंदिया लगा देती है
जैसे अभी कुछ ही समय पहले ही चीन ने 53% किराया में वृद्धि कर दिया था और नेपाल सरकार ने बताया की उसके पर्यटन क्षेत्र को काफी नुकसान हो रहा है और इस तरह काफी विवाद के बाद भी प्रतिवर्ष करीब 20 हजार भारतीय इस कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते है इस पूरी यात्रा में करीब 2 माह का समय लगता है
कैलाश मानसरोवर के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य :- मानसरोवर का अर्थ होता है " मन का सरोवर " , दुनिया का सबसे ऊचा शिव धाम ,कई नदियों का निर्गमन यही से होता है जैसे ब्रह्मपुत्र , सिन्धु और सतलज प्रमुख नदिया है , बर्फ की अधिकतम ऊचाई 6640 मीटर , इसकी पर्वतमालाए कश्मीर से लेकर भूटान तक फैली हुई है और यहाँ पर जाने के कई मार्ग उपस्थित है
मान्यता तो ये है की करीब 10 करोड़ वर्ष पहले इस स्थान का निर्माण हुआ था ,यह स्थान केवल हिन्दू धर्म के लिए ही पवित्र नहीं है इसके साथ ही 3 और धर्मो जैसे बौद्ध धर्म , जैन धर्म के साथ साथ सिख धर्म के लिए आज भी पूजनीय स्थल माना जाता है क्योकि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के करीब 1 महीने का समय इस स्थान पर बिताया था एक तरह इस स्थल को 4 धाम की संज्ञा दी गई है
और सबसे बड़ी बात ये है की इस स्थल को शिव जी का निवास स्थान माना जाता है , इसको धरती का केंद्र बिंदु भी माना जाता है , इसके साथ ही वैज्ञानिक नजरिये से देखा जाये तो इस स्थान पर कई महत्वपूर्ण तरंगो का मेल होता है और इससे "ॐ " की प्रतिध्वनि सुनाई देती है इसलिए यहाँ पर आज भी वैज्ञानिक रिसर्च किये जा रहे है
यहाँ पर कई ऐसे स्थान भी है जहा से देखने पर आपको भूमि दिखाई ही नहीं देती है इसलिए प्रतिवर्ष काफी यात्रियों की मौत भी हो जाती है क्योकि सबसे खतरनाक स्थलों में भी इसे गिना जाता है
मिली जानकारी के अनुसार इस स्थान पर भी टेथिस नामक समुन्द्र हुआ करता था और करोडो वर्षो के बाद आपसी टकराव के बाद इस स्थान का निर्माण हुआ है
चीन देश :- कैलाश मानसरोबर तिब्बत देश के हिस्से में आता था लेकिन जब से चीन ने इस देश पर कब्जा किया तो अब हमे इस स्थल को चीन देश में कहना पड़ता है एक नियम के तहत चीन प्रतिवर्ष यात्रा के खर्च में 10% की वृद्धि करता आ रहा था लेकिन इस बार सीधे 53% की वृद्धि होने के कारण से काफी विरोध देखने को मिल रहा है
नेपाल देश :- नेपाल देश से मार्ग लम्बा होने के कारण से यहाँ पर पहुचने का खर्च काफी अधिक हो जाता है जैसे नेपाल के कुरुंग से जाने पर पहले 1.30 लाख का खर्च आता था अब ये खर्च बढ़कर 1.85 लाख रुपये हो गया है वही लहासा से अब खर्च बढ़कर 3.10 लाख रूपये हो गया है और हुमला से इस स्थल की यात्रा का खर्च बढ़कर 2.60 लाख रुँपये तक हो गई है ...................
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