भारतीय ऊँटो की समस्या



  भारतीय ऊँटो की समस्या  

भारतीय ऊंट :- भारत में लगातार कम होती ऊँटो की संख्या एक चिंता का विषय बनती जा रही है क्योकि भारत देश का सबसे बड़े राज्य राजस्थान की पूरी तरह से अर्थव्यवस्था ,रोजगार और जीवन यापन करने का एकमात्र साधन ऊँट ही है ऐसे में यह एक गंभीर विषय है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है एक आकडे के अनुसार जहा वर्ष 1996 में पूरे भारत देश में कुल 10 लाख ऊँटो की संख्या थी तो यही संख्या 2019 में घटकर मात्र 2.50 लाख ही रह गई है 

1. एक समय ऐसा भी था जब ऊँटो की संख्या के मामले में भारत देश का स्थान तीसरा था लेकिन आज यह 9 वा स्थान पर पहुच गया है 

2.जैसे गुजरात राज्य में पहले 30 हजार ऊँट थे अब 28 हजार , उत्तर प्रदेश में पहले 8 हजार तो अब केवल 2000 ही बचे है ,हरियाणा राज्य में पहले इनकी संख्या 19000 थी अब केवल 5000 है 

3.BSF ( सीमा सुरक्षा बल ) के पास 1276 ऊँटो की आवश्यकता होती है जबकि आज इनके पास केवल 531 ही है 

4.राजस्थान राज्य में अकेले ही वर्ष 2014 में कुल 3.26 लाख ऊँटो की संख्या थी जबकि वर्ष 2019 में यह संख्या घटकर 2.19 लाख ही रह गई थी जबकि इस राज्य में ऊँटो को राजकीय पशु घोषित किया जा चूका है इसके लिए राज्य भर में ऊँट विकास योजना 2017 की भी शुरुआत की जा चुकी है 



ऊँट :- 1. मिली जानकारी के अनुसार करीब 2000 ईसा पूर्व से ही ऊँट इंसानों के लिए उपयोगी साबित रहा है 

2. इसे रेगिस्तान का जहाज / रेगिस्तान का टाइटैनिक भी कहा जाता है 

3.ऊँट कुल 2 प्रकार के होते है ( i ) एक कुबड़ वाले जो भारत देश में पाए जाते है और ( ii ) दो कूबड़ वाले जो चीन और मंगोलिया में पाए जाते है 

4.वर्ष 1996 में जब पूरी दुनिया में 50 लाख ऊँट थे तो उस समय भारत में कुल 10 लाख ऊँटो की संख्या थी 

5.एक तरह से देखा जाये तो यह जलवायु के हिसाब से सबसे मजबूत और विशाल पशु होता है 

6. सबसे बड़ी बात ये है की ये लगातार 21 दिनों तक बिना पानी पिए रह सकते है

7. औसत उम्र की बात किया जाये तो 40 से 50 वर्ष मानी जाती है 

8. अधिकतम गति 65 किलोमीटर प्रति घंटा और इनको कभी भी पसीना नहीं आता है 

9. ऊँटो को कुल 34 दांत पाए जाते है 

10. इनका प्रयोग मुख्यतः सवारी , यातायात , सीमा की सुरक्षा के लिए किया जाता है 

11. ऊँटो में सुनने और देखने की क्षमता बहुत ही अधिक होती है और सबसे बड़ी बात इनके कूबड़ ( गर्दन के पास उठा हुया भाग ) जन्म से नहीं होते है 

12.ऊँटो की सबसे बड़ी बात ये भी होती है की जन्म के कुछ ही घंटे में इनका बच्चा चलने भी लगता है 

13. राजस्थान राज्य में अजमेर में ऊँटो को लेकर प्रति वर्ष पुष्कर मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे ऊँटो की काफी खरीद बिक्री की जाती है 

ऊँटो की संख्या में कमी होने के कारण :- चारागाह की कमी , प्रजनन की कमी , महंगाई , युवाओं में पालने का शौक नहीं है और एक सबसे बड़ा कारण ये भी माना जाता है की राईका समाज ऊँटनी के दूध को बेचना पाप मानता है ऐसे में इसे व्यापारिक पशु बनाने में एक सामाजिक समस्या भी आ रही है इसके साथ ही इसकी तस्करी भी एक प्रमुख समस्या मानी जा रही है ............



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