एनकाउंटर का सच

 


  एनकाउंटर का सच  

देश भर में समय समय पर इस शब्द को सुना जाता है की आज यहाँ पर पुलिसवालों ने एनकाउंटर किया है ऐसे में हमे सबसे पहले इसको समझना होगा कि एनकाउंटर क्या होता है और इसको लेकर क्या क्या नियम है 

एनकाउंटर :- सबसे बड़ी बात ये ही है कि भारतीय संविधान में इस नाम का कोई शब्द ही नहीं है पुलिस के अनुसार माने तो जब सुरक्षाबलो का अपराधियों से भिडंत होती है तो इसमें जो गोलीबारी की जाती है उसे ही एनकांउटर का नाम दिया जाता है 

CRPC की धारा 46 के अनुसार अगर कोई अपराधी गिरफ्तारी से बचने के लिए कोशिश करे या पुलिस पर हमला करता है तो पुलिस उस पर हमला कर सकती है 


सुप्रीम कोर्ट के अनुसार :- इस दौरान की गई हत्या को एक्स्ट्रा ज्युडिशियल किलिंग के नाम से जाना जाता है इस दौरान भी पुलिस पहले से निर्धारित नियमो का पालन करेगी आप सभी को जानकारी होनी ही चाहिए की 23 सितम्बर 2014 को भारतीय मुख्य न्यायधीश RM लोढ़ा और रोहिंटन फली नरीमन ने इस शब्द का पहली बार जिक्र किया था और इसको लेकर कुछ नियम और निर्देश भी जारी किये थे जैसे आपराधिक गतिविधियों की सूचना / गोलीबारी की सूचना / मृत्यु की सूचना NHRC(राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ) या राज्य की मानवाधिकार आयोग संस्था को सबसे पहले भेजनी होगी 

एनकाउंटर को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के जारी दिशा - निर्देश :-

1. वर्ष 1997 में NHRC के अध्यक्ष ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र भेजा था की फर्जी एनकाउंटर को पूरी तरह से रोका जाये 

2. वर्ष 1993-94 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कहा था की हमारे किसी भी कानून में पुलिस को अधिकार नहीं है कि वो किसी भी व्यक्ति को मार दे जब तक की यह साबित न हो जाये की उसने ही कोई अपराध किया था  

3.अगर ऐसी कोई घटना कही पर घटित होती है तो सबसे पहले दुसरे पुलिस स्टेशन की टीम को सूचित करे या उस राज्य की जाँच एजेंसी के जरिये जल्द से जल्द इसकी निष्पक्ष जाँच कराई जाए 

4.अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते है तो उस मृतक परिवार वालो को मुआवजा का प्रावधान किया जाये 

5.वर्ष 2016 में एक बार फिर से NHRC संस्था ने कहा कि कई राज्यों की पुलिस निर्धारित नियमों का पालन नहीं कर रही है 

6. अगर ऐसा किसी स्थान पर घटना घटित होती है तो IPC के तहत पुलिस पर मामला दर्ज करके मात्र 3 महीने में ही इस केस की जांच मजिस्ट्रेट से कराके फैसला किया जाये

7.मात्र 48 घंटे के भीतर ही NHRC को पूरी रिपोर्ट देना आवश्यक बनाया गया है लेकिन आज भी कई राज्य की सरकारे इन नियमों का पालन नहीं करती है इसलिए कभी कभी फर्जी एनकाउंटर की भी घटनाओ को अंजाम दिया जाता रहा है .............

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