अयुथ्या शहर vs अयोध्या शहर: भारत और थाईलैंड देश में श्रीराम
अयुथ्या शहर को वर्ष 1350 ईस्वी में बसाया गया था जो किसी जम़ाने में एक विशाल साम्राज्य की राजधानी था यह शहर थाईलैंड देश की राजधानी बैंकॉक से लगभग 70 किलोमीटर दूरी पर है इस शहर की स्थापना राजा रमातीबोधी-1 ने कराई थी
1. जैसे अयोध्या शहर सरयू नदी के किनारे बसा उसी तरह भारत से करीब 3500 किलोमीटर दूर अयुथ्या शहर तीन नदियों के किनारे बसा है |
2.अयोध्या शहर और अयुथ्या शहर के नाम लगभग एक जैसे होना कोई इत्तेफ़ाक नहीं है बल्कि जब अयुथ्या शहर को बसाया गया था तब तक रामायण दुनिया भर के साथ थाईलैंड में भी पहुच चुकी थी और इस देश में रामयाण को रामकियन के नाम से आज भी जाना जाता है |
3.ये उस समय की बात है जब किसी भी राजा के लिए अपने नए बसाये शहर का नाम ऐसा रखना होता था जिससे एक अच्छा अर्थ और वह सुख - शांति लाने वाला प्रदर्शित हो इसलिए ही अयोध्या शहर के जैसा ही इस शहर का नाम अयुथ्या रखा गया जैसे अयोध्या का अर्थ होता है जो कभी किसी के द्वारा जीता न जा सके इसी तरह अयुथ्या शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है जिसे थाई भाषा में परवर्तित कर रखा गया है |
4.थाईलैंड देश में राजा को भगवान विष्णु का अवतार मानते थे इसलिए समय समय पर यहाँ के राजाओं के नाम रामा-1 ,रामा-2 , रामा-10 जैसे नाम देखने को मिलते है यहाँ पर लगभग दुनिया के सभी सभ्यताओ और भाषाओ का मिश्रण देखने को मिलता है कुछ ऐसा ही इस देश में भी आपको संस्कृत, पाली के साथ चीनी और थाई भाषाओं का प्रभाव आज भी दिखाई देता है जैसे भारत में अगर किसी का नाम वंदना है तो उसी नाम को थाई भाषा में कुरवंधना नाम पुकारा जाता है |
5.मिली जानकारी के अनुसार अयुथ्या शहर के शाही दरबार में कई देशों के दूत रहा करते थे जिसमें मुग़ल दरबार, जापान और चीन देश के साथ फ्रांस देश से थे
6.थाईलैंड देश और भारत देश के राजनीतिक रिश्ते भले ही अभी कुछ दशक पहले ही स्थापित हुए हो लेकिन दोनों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध सदियों से हैं
7.यह शहर यूनेस्को की लिस्ट में शामिल है
8.वर्तमान में देखा जाये तो थाईलैंड बौद्ध धर्म को मानने वाला देश है लेकिन इस देश की शाही परिवार ने हिंदू धर्म से जुड़ी कई रीति रिवाज को आज भी अपनाया है
9.इस देश में आज भी रामाकिएन का पाठ बड़े स्तर पर होता है जिसे थाई रामायण का दर्जा प्राप्त है भारतीय रामायण और रामकियन में बहुत सारी समानताएँ हैं लेकिन स्थानीय संस्कृति, बौद्ध धर्म के अनुसार कई तरह के असमानताए भी देखा जा सकता है |
10.जैसे रामाकिएन में थॉसकन नाम वैसे ही है जैसे रामायण में रावण का है थॉस का मतलब दस होता है इसी तरह रामाकिएन में फ्रा राम वैसे ही है जैसे रामायण में भगवान राम |
11.थाईलैंड देश के राजा रामा-5 1872 में समुंद्री मार्ग से भारत आए थे कलकत्ता पहुँचने के बाद ये ट्रेन से बैरकपुर, दिल्ली, आगरा, कानपुर, लखनऊ भी गए
12. 14वीं से 18वीं सदी के मध्य अयुथ्या शहर उस समय के स्याम नाम के ख़ुशहाल और संपन्न साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी जो दुनियाभर में कूटनीतिक और व्यापारिक केंद्र के लिए जाना जाता था और 1767 में बर्मा ( आज का म्यांमार देश ) ने इस शहर पर हमले करके पुरे साम्राज्य को बर्बाद कर दिया
13. इस शहर को फिर कभी बसाया ही नहीं गया इसके स्थान पर बैंकॉक नाम से नई राजधानी बना दी गई जबकि आज के बैंकाक शहर का नाम भी बैंकाक नहीं था बहुत लंबे समय तक इस शहर को ही अयुथ्या के नाम से जाना जाता रहा आज भी कई जगहों पर ये नाम आपको देखने को मिल जायेंगे जैसे आज भी इस शहर के बीचों-बीच अयुथ्या रोड नाम की सड़क मौजूद है |
14.एक समय यहाँ पर बड़ी बड़ी मुर्तिया हुआ करती थी लेकिन आज यहाँ पर बिना सिर वाली बुद्ध की प्रतिमा , बिना छत की इमारतें, हर तरफ़ खंडहर यहाँ जाने पर आपको आभास होगा की जैसे आज भी वही आक्रमणकारी इस शहर को बर्बाद कर रहे है लोगों ने कई मूर्तियों के सिर को तोड़कर यूरोप में बेच दिया इसके साथ ही दुनिया की सबसे बड़े रिक्लाइनिंग (आराम की मुद्रा) बुद्ध आपको यहीं देखने को मिलेगा
16.इसकी प्रमुखता को देखते हुए ही राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में इस शहर से मिट्टी और इस देश के तीन नदियों का जल लाया गया है ये नदिया चाओ फ्रया, लोप बुरी और पा साक नदी का है सदियों से यहाँ एक परम्परा चली आ रही है की यहाँ के राजवंश के हर राजा को राम का अवतार माना जाता है इस शहर में आपको श्री हरि विष्णु, ब्रह्मा जी और भगवान शिव को समर्पित पूजा स्थल आपको मिल जायेंगे .........
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jai shree ram
जवाब देंहटाएंhar rag me ram hi basa hai
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