मासिक धर्म : महिलाओं का अपमान कितना सही ?




मासिक धर्म : महिलाओं का अपमान कितना सही ?

21 वी सदी में दुनिया कहा से कहा पहुच गई है पर आज भी अलग अलग नामो से अलग तरीको से ,मासिक धर्म के दौरान लड़कियों को अपवित्र समझा जाता है भारत के पडोसी देश नेपाल में भी एक ऐसी ही प्रथा है जिसे चौपादी कहा जाता है जो नेपाल के ग्रामीण हिस्सों में प्रचलित एक प्राचीन परम्परा है मासिक धर्म के दौरान जानवरों की तरह मिटटी की झोपड़ियो में रहना , पेड़ो की पत्तिया बिछाकर सोना, किसी से ना मिलने देना ,पेड़ो को छूने से मनाही , मंदिरों मे प्रवेश वर्जित इसके कारण से बलात्कार के कई मामले सामने आये , सापों को काटना |



मान्यता तो ये है की भगवान इंद्र ने महिलाओं को श्राप देने के लिए मासिक धर्म को बनाया था जिसके कारण से इन्हें अपवित्र माना जाता है  हैरानी की बात तो ये है की अगर इस दौरान लड़की पेड़ को छू लेती है तो वह फल देना बंद कर देता है और पुरुष को छू लिया तो वह बीमार हो जायेगा 


नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2005 में इस प्रथा पर बैन लगा दिया और 2017 में पारित कानून के अनुसार इस प्रथा के लिए मजबूर करने पर 3 महीने की जेल और 3000 नेपाली रुँपये का जुर्माना लगाया जा सकता है एक सर्वे के अनुसार आज भी 50% महिलाये इसका पालन कर रही है लेकिन अब संगीत्ता रोकाया इसे बदलने की कोशिश में लगी है जो माउन्ट एवरेस्ट को फतह कर चुकी है इनके अनुसार चौपदी की लड़ाई माउन्ट एवरेस्ट चढ़ने से भी कठिन है वही भारत में भी इसी तरह की अलग अलग राज्यों में अलग अलग प्रथाए आज भी मौजूद है ..........



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