दुनिया के 10 बड़े मंदिर
टॉप 10 मंदिर : इस समय पुरे देश में अयोध्या में स्थापित श्रीराम जी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी जोरो शोरो से चल रही है ऐसे में हमे दुनिया भर के मंदिरों के बारे में जानना चाहिए जिससे हमे ये आसानी से समझ में आ सके की अयोध्या का मंदिर कितना बड़ा है और इसके साथ ही कुछ रोचक जानकारिया
जो जानना जरुरी भी होता है हर किसी के लिए …….
सबसे पहले श्रीराम मंदिर की बात किया जाये तो जो इसका माडल पेश किया गया है इसके आधर पर यह मंदिर 67 एकड़ जमीन पर बनेगा और अभी इस मंदिर को
पूरी तरह से तैयार होने में काफी लंबा समय लगेगा जैसा आप सभी जानते है की सोमनाथ मंदिर का पुर्निर्माण कराने में करीब 40 साल का समय लगा था तो
आप इसमें भी 5 से 10 साल का समय मान ही सकते है |
मजेदार बात तो ये है की भारत देश को मंदिरों का देश कहा जाता है लेकिन दुनिया के 10 सबसे बड़े मंदिरों में से 4 विदेशी भूमि पर बने हुए है
कुछ धर्म गुरुओ ने राम मंदिर को भी इसी तर्ज पर बनाने की मांग की थी सबसे बड़े मंदिरों में 1 कम्बोडिया , 1 अमेरिका और 2 इंडोनेशिया देश में है |
1.अंगकोर वाट मंदिर :
देश : कम्बोडिया , शहर : अंगकोर , क्षेत्रफल : 402 एकड़
पुराना नाम : नकारेवाट
भगवान विष्णु को समर्पित
12 वी शताब्दी के अंत में इसे बौध मंदिर में बदल दिया गया क्योकि इसे हिन्दू बौध मंदिर के रूप में भी जाना जाता है |
क्षेत्रफल की दृष्टी से दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है इसका निर्माण 12 वी शताब्दी में राजा सूर्यवर्मन दितीय ने कराया था
यह मंदिर कम्बोडिया देश का प्रतीक , राष्टीय ध्वज में दिखाई देता है , देश का प्रमुख आकर्षक केंद्र भी है
कम्बोडिया देश में 2013 के सर्वे के अनुसार देखा जाये तो यहाँ की जनसंख्या इस प्रकार है ➖
बौध धर्म : 97.9 %
इस्लाम धर्म : 1.1 %
ईसाई धर्म : 0.5 %
अन्य समुदाय : 0.6 %
इस मंदिर के बारे में : इस मंदिर के निर्माण का आदेश इंद्र ने अपने पुत्र प्रेचा मईलिया के लिए एक महल के रूप में दिया था
13 वी शताब्दी के चीनी यात्री झोऊ डाग़ूआँन के अनुसार मंदिर का निर्माण एक ही रात में एक दिव्य वास्तुकार द्वारा किया गया था
इसी तरह पुर्तगाली तपस्वी अन्तोनियो दा मदालैना ने 1586 में इस स्थान की यात्रा की थी इसके अनुसार यह इतना साधारण बना हुआ है
कि इसे कलम से पेज पर वर्णन कर पाना असंभव है |
पर्यटक : 1993 में 7650
2004 में 561000
2007 में 10 लाख से अधिक
2012 में 20 लाख से अधिक
2018 में 26 लाख से अधिक
2. स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर:
देश अमेरिका ,न्यू जर्सी शहर क्षेत्रफल 163 एकड़ यह हिंदू मंदिर है आध्यात्मिक नेता परम पावन स्वामी महाराज ने
अप्रैल 1971 से नवंबर 2007 तथा 36 वर्ष में
पांच महाद्वीपों में 713 मंदिरों का निर्माण किया जो एक विश्व रिकॉर्ड बन गया मंदिर प्रतिदिन खुलता है
निर्माण 2010 से शुरू हुआ और 10 अगस्त 2014 को
पब्लिक के लिए खोल दिया गया दुनिया का सबसे बड़ा
हिंदू मंदिर है राजस्थान राज्य के 2000 कारीगरों ने
संगमरमर के पत्थरो पर काम किया था अमेरिका
की 70% जनसंख्या ईसाई है 2014 के अनुसार
इसके बाद भी इस देश में सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है |
3. श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर :
देश : भारत के तिरुचिल्लापल्ली तमिलनाडु शहर में क्षेत्रफल 156 एकड़ क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा मंदिर है जो सर्वोच्च भगवान विष्णु का एक रूप है यह दक्षिण भारत का सबसे शानदार वैष्णव मंदिरों में से एक है पहले इस मंदिर में अस्पताल के साथ-साथ शिक्षा की विशेष व्यवस्था रहती थी दिसंबर से जनवरी के महीने में 21 दिवसीय उत्सव में करीब 10 लाख लोग शामिल होते हैं मंदिर के अंदर का हिस्सा 817 ईस्वी में एक महिला द्वारा बनाया गया था जिसका नाम हैम्बी बताया जाता है निर्माण वर्ष आठवीं से नवी शताब्दी के आसपास , 14 वी शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के राजाओं ने इसे नष्ट कर दिया था लेकिन पुनर्निर्माण किया गया |
4.राम मंदिर
देश : भारत , शहर अयोध्या
क्षेत्रफल 67 एकड़ जमीन अभी निर्धारित हुआ है अभी तो यह दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा मंदिर है लेकिन जब यह क्षेत्रफल 108 एकड़ हो जाएगा
तो यह चौथे स्थान पर आ जाएगा इसके साथ ही यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर बन जाएगा |
5.छतरपुर मंदिर :
क्षेत्रफल 70 एकड़ वास्तविक नाम श्री आद्या कात्यानी शक्तिपीठ
मंदिर बताया तो यह भी जाता है कि पहले
मंदिर के स्थान पर मात्र एक कुटिया भर थी लेकिन आज मंदिर का क्षेत्रफल 70 एकड़ में
फैल चुका है इस मंदिर के बारे में पौराणिक
कथा यह है कि एक बार कात्यान ऋषि ने मां
दुर्गा की तपस्या की थी ऋषि की तपस्या
से प्रसन्न होकर माता दुर्गा ने वरदान मांगने को
कहा ऋषि ने कहा कि आप मेरे यहां मेरे पुत्र/पुत्री
बनकर जन्म लीजिए मुझे आपका पिता बनने की
इच्छा है और इस प्रकार ऋषि के घर जन्म हुआ
कात्यान ऋषि के घर जन्म लेने के कारण इनका
नाम का कात्यायनी रखा गया |
6.अक्षरधाम मंदिर:
देश : भारत , शहर : नई दिल्ली क्षेत्रफल 59 एकड़ निर्माण 2000 ईस्वी में और खोला गया 2005 में मंदिर का निर्माण 3000 स्वयं सेवको और करीब 7000 कारीगरों ने मिलकर बनाया था अक्षरधाम मंदिर हिंदू धर्म के अनुसार अक्षरधाम का अर्थ होता : स्वामीनारायण का निवास स्थान और अनुयायियों का मानना है कि पृथ्वी पर भगवान का एक अस्थाई घर है |
7.बेसाकी मंदिर
देश :इंडोनेशिया ,शहर : बाली क्षेत्रफल 49 एकड़ लगभग में 1963 के इस बाली शहर में बडा विस्फोट हुआ था ज्वालामुखी विस्फोट का लावा पूरे शहर के साथ-साथ मंदिर के चारों ओर के शहर खत्म हो गए लेकिन बेसाकी मंदिर के परिसर में ही नुकसान हुआ था अंदर कोई प्रभाव नहीं था बाली के लोग इसे चमत्कार मानते हैं प्रत्येक वर्ष कम से कम 70 त्यौहार इस मंदिर में मनाया जाता है और कुल मिलाकर वर्ष का 210 दिन इसी प्रकार गुजरता है यह मंदिर 6 स्तरों पर बनाया गया है और ढलान को सीढ़ीदार बनाया गया यह बाली शहर में हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पवित्र मंदिर है मंदिर की उत्पत्ति के बारे में सटीक जानकारी किसी को नहीं है लेकिन अनुमान के अनुसार मंदिर 2000 वर्ष पुराना बताया जाता है और 1284 से ही हिंदू पूजा स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है | इसको लेकर विवाद : आसपास के गावो के स्थानीय युवको के द्वारा पर्यटकों से मनमानी दान लिया जाता है महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान इस मंदिर में जाने की इजाजत नहीं है जैसे भारत में सबरी माला मंदिर केरल में होता है |
8. बेलूर मठ (रामकृष्ण मंदिर)
देश : भारत , शहर हावड़ा पश्चिम बंगाल क्षेत्रफल 40 एकड़ हुगली नदी के तट पर बसा है स्थापना 1935 में स्वामी विवेकानंद यह रामकृष्ण परमहंस मिशन का मुख्यालय भी है इस मठ के भवनो की वास्तु में हिंदू , ईसाई और इस्लामी तत्वों का मिश्रण है जो धर्म की एकता का प्रतीक है |
9.नटराजन मंदिर :
देश ; भारत , राज्य तमिलनाडु शहर चितम्बरम
क्षेत्रफल 40 एकड़
शिवजी का मंदिर है भगवान शिव को वर्ष में मात्र 6
दिन ही स्नान कराया जाता है यह मंदिर दुनिया के
चुंबकीय भूमध्य रेखा के केंद्र बिंदु पर स्थित है
मंदिर का निर्माण दसवीं शताब्दी के आरंभ में
किया गया था 13वीं शताब्दी में इस मंदिर पर
मुस्लिम सेनाओं का आक्रमण अंग्रेजों के साथ-साथ
कई बार फ्रांसीसियों ने भी इस मंदिर को लुटा है |
10. प्रम्बानन त्रिमूर्ति मंदिर
देश : इंडोनेशिया शहर याग्याकार्टा
क्षेत्रफल 38 एकड़
निर्माण 9वीं शताब्दी यह मंदिर त्रिमूर्ति अर्थात ब्रह्मा ,विष्णु व महेश को समर्पित है
इस मंदिर की ऊंची और नुकीली वास्तुकला इसे खास बनाती है |








