भारत के राम या नेपाल के राम

 



भारत के राम या नेपाल के राम :

अभी तक आपने  भारत और नेपाल के मध्य जमीनी विवाद को ही देखा था लेकिन इस समय विवाद जमीन को लेकर नहीं है बल्कि भगवान राम को लेकर है नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने एक विवादित बयान के कारण निशाने पर है नेपाली सोशल मीडिया पर बहुत से लोग उनके बयान का ना सिर्फ मजाक बना रहे हैं बल्कि लिख भी रहे हैं कि इन्हे ऐसे विवादित टिप्पणी से बचना चाहिए

 विवाद का कारण :

 इसी सोमवार की बात है कि अपने सरकारी आवास पर कवि भानुभक्त के 207 वे जन्मदिन पर हुए समारोह में पीएम ओली ने कहा था की असली अयोध्या नेपाल के बीरगंज के पास एक  गांव है जहां भगवान राम का जन्म हुआ था आगे उन्होंने कहा की कवि भानूभक्त  ने नेपाली भाषा में रामायण लिखी थी और हमें सांस्कृतिक रूप से दबाया गया तथ्यों से छेड़छाड़ की गई हम सभी अब भी मानते हैं कि हमने भारतीय राजकुमार राम को सीता दी थी लेकिन हमने भारत की अयोध्या की राजकुमार को सीता नहीं दी थी असली अयोध्या तो बीरगंज के पश्चिम में स्थित एक गांव है ना की वह जिसे  अब बनाया गया है 


कौन थे भानु भक्त :

 पीएम ओली ने जिस भानुभक्त की 207 वीं जयंती पर राम कथा की नई और मनमर्जी कहानी सुनाई है सच्चाई तो यह है कि भानुभकत ने 19 वीं सदी के पहले तक तुलसी दास की तरह रामकथा सातकांड  रामायण की रचना कर रहे थे इसे घर-घर तक पहुंचा रहे थे रोचक बात तो ये  यह है कि भानुभक्त स्वयं वाराणसी में पढ़े  और लिखे हैं यहीं पर उनकी पहली कृति पहली बार प्रकाशित की गई थी इनकी रामकथा वाल्मीकि रामायण व अध्यात्म रामायण से ही प्रेरित होकर लिखी गई है इस कथा में भी राम को अयोध्या का राजकुमार बताया गया है वह अयोध्या जो सरयू नदी के किनारे पर बसा हुआ है  इसी क्रम में पीएम ओली ने सभी से एक सवाल पूछा था कि राम विवाह करने के लिए इतनी दूर जनकपुर कैसे आए ?

 इस पर मिली जानकारी के अनुसार कुछ आंकड़ों से समझा जाए जैसे अयोध्या से नेपाल की सीमा तक की कुल दूरी लगभग 167 किलोमीटर है और जनकपुर की दूरी अयोध्या से 500 किलोमीटर के आसपास है बताया तो यह भी जा रहा है कि जब राम रामेश्वरम तक 2500 किलोमीटर यात्रा पैदल कर सकते हैं तो जनकपुर तो केवल 500 किलोमीटर ही तो था इसके साथ ही वाल्मीकि के रामायण में इस दूरी की बात की गई है जो इस प्रकार है कि अयोध्या से जनकपुरी के लिए राजा जनक की आज्ञा पाकर उनके दूत अयोध्या के लिए निकले रास्तों में वाहनों के थक जाने के कारण तीन रात विश्राम करके चौथे दिन में अयोध्या पुरी पहुंचे 

नेपाल देश की प्रतिक्रिया :

नेपाल के पूर्व पीएम बाबू राम भट्ट राई ने ओली के बयान पर व्यंग्य किया कि आदि कवि ओली द्वारा रचित कलयुग की नई रामायण सुनिए और सीधे बैकुंठ धाम की यात्रा करिए 

वही नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री कमल थापा ने लिखा कि किसी भी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह का आधारहीन और बिना सबूत के बयान देना उचित नहीं है ऐसा लगता है कि पीएम ओली भारत और नेपाल के रिश्ते को और बिगाड़ना चाहते हैं जबकि इन्हें तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए वही नेपाली लेखक और पूर्व विदेश मंत्री रमेश नाथ पांडे का कहना है कि धर्म राजनीति और कूटनीति से ऊपर है और यह एक बड़ा भावनात्मक विषय है अबूझ भाव और ऐसी बयान बाजी से आप केवल शर्मिंदगी ही महसूस करते हैं और अगर असली अयोध्या वीरगंज के पास है तो फिर सरयू नदी कहां है ?

 पीएम ओली के ही  पूर्व प्रेस सलाहकार और नेपाल के त्रिभुवन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कुंदन आर्यल का कहना है की ओली ने ये क्या कह दिया है ? क्या वो भारतीय टीवी चैनलों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं ? 

इसी तरह नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के उप प्रमुख विष्णु रिजल ने बताया कि यह कहना एक बड़ा भ्रम है कि कोई व्यक्ति अप्रमाणिक पौराणिक और विवादों से भरा शब्दों का प्रयोग कर अपने आप को विद्वान समझता है यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि रहस्यमय भी है कि कैसे विरोध और उसकावे के लिए रोज नए मसाले डाले जा रहे हैं 

नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार अमित ढकाल ने भी पीएम के बयान पर चुटकी ली इनके अनुसार श्रीलंका द्वीप नेपाल के कोशी में है वहां हनुमान नगर भी है जिसका निर्माण वानर सेना ने किया होगा जब वह पुल बनाने के लिए एकत्र हुए होंगे नेपाल के ही नेशनल प्लानिंग कमीशन के पूर्व उपाध्यक्ष स्वार्मिंग बांग्ले ने लिखा कि हे राम पीएम ओली ने भारतीय मीडिया के लिए अच्छा मसाला दे दिया वही नेपाल के लेखक और जानेमाने  राजनीतिक विश्लेषण कनकमणि दीक्षित ने ट्वीट किया है कि भगवान राम का जन्म कहां हुआ और अयोध्या कहां ऐसी पौराणिक बातों पर विवाद खड़ा करना पीएम ओली की मूर्खतापूर्ण कोशिश है अभी तो सिर्फ भारत सरकार के मन में मौजूदा स्थिति के कारण कड़वाहट है लेकिन इस विवाद के बाद लोगों में भी फूट जैसी स्थिति पैदा हो सकती है नेपाल देश की ओर से आए बयान में सबसे चर्चित बयान वरिष्ठ पत्रकार धारूबा एच अधिकारी का है  इन्होंने लिखा की ओली की पार्टी का नाम है : कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल 

नाम में कम्युनिस्ट लगा है कम्युनिस्ट अर्थात साम्यवाद जो धर्म को मानता ही नहीं है 

 आप सभी को याद भी होना चाहिए कि जब ओली ने शपथ लिया था तो इन्होंने भगवान का नाम लेने से मना कर दिया था और जब पीएम मोदी ने जनकपुर में पूजा की थी 2018 में तो उस समय ओली ने पूजा ही नहीं की थी लेकिन अब ऐसे समय में ओली को राम और अयोध्या की चिंता हो रही है जो हैरानी की बात है

 भारत देश की ओर से अभी तक सरकारी बयान तो नहीं आया है लेकिन कुछ बयान तो जरूर आया है उत्तर प्रदेश राज्य की वर्तमान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार ओली का अमर्यादित बयान उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है

 जाको प्रभु दारुण दुख दीन्हा ताके मति पहले हर लीन्हा 

ओली को मालूम होना चाहिए कि नेपाल भी पूर्व में आर्यावर्त अर्थात भारत का हिस्सा रहा है इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी के  प्रवक्ता अभिषेक मनोज सिंघवी के अनुसार ऐसा ऐसा लगता है कि नेपाल के पीएम मानसिक संतुलन खो बैठे हैं या वे  तोते की तरह हताश चीन की स्क्रिप्ट भाषा बोल रहे हैं 

सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि पीएम ओली ऐसा बयान क्यों दे रहे हैं ? अगर इस विषय पर विस्तार से विश्लेषण किया जाए तो कुछ कारण है जैसे :

1. इंडिया नेपाल बॉर्डर डिस्प्यूट 

2.नेपाल में राजनीतिक संकट 

3.स्वयं ओली का मानसिक स्वास्थ्य समस्या 

4. ध्यान हटाना फैलियर से 

भारत और नेपाल विवाद :

आपको जानकारी है ही कि पिछले कुछ महीनो से भारत नेपाल के मध्य जमीनी विवाद जारी है इस विवाद को लेकर बात यहां तक पहुंच गई है कि नेपाल ने अपने देश का नया नक्शा जारी कर विवादित स्थान पर अपने आर्मी को तैनात करने का आदेश दे दिया है लेकिन इससे तो विवादित क्षेत्र कालापनी, लिपुलेख, लिपियांधूरा तो नेपाल को मिलेगा भी नहीं और न हीं मिला है तो ऐसे में ओली का यह कदम पूरी तरह से फेल साबित हो गया 

राजनीतिक संकट : आप सभी को जानकारी होनी ही चाहिए कि वर्ष 2018 में जब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली बने थे तो उनके और पुष्प कमल दहल प्रचंड के मध्य एक समझौता हुआ था इस समझौते के तहत कार्यकाल के पहले आधे  कार्यकाल ओली पीएम रहेंगे और शेष आधे कार्यकाल प्रचंड ऐसे में ओली का कार्यकाल समझौते के तहत समाप्त होने को है और प्रचंड का पीएम कार्यकाल शुरू होना लेकिन ओली इसी तरह बयान बाजी कर पद पर बने रहना चाहते हैं जो पूरी तरह से नियम के खिलाफ है बताया तो यह भी जा रहा है कि एक ही पार्टी से होने के कारण से पीएम ओली  से पार्टी ने पार्टी प्रमुख व प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा मांगा है

 शारीरिक व मानसिक समस्या :

 केपी शर्मा होली के दोनों ही किडनी की सर्जरी हो चुकी है पहली सर्जरी 2007 में भारत देश में ही हुआ था और दूसरी इसी वर्ष मार्च में हुआ है कुल मिलाकर अगर स्वास्थ्य को लेकर देखा जाए तो हमेशा ही अस्वस्थ रहते हैं जैसे देखा जाए तो केपी शर्मा होली अपने पूरे कार्यकाल पहले और अब को मिलकर भारत की मात्र दो बार यात्रा कर चुके हैं |


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कौन थे भानु भक्त :

 विवाद का कारण :

भारत और नेपाल विवाद :

शारीरिक व मानसिक समस्या :

Bharat ke ram ya nepal ke raja

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