जोमैटो कंपनी की सच्चाई :
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो को करीब ₹401 करोड़ के GST tax का नोटिस मिला है। कंपनी को यह नोटिस 29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 के दौरान डिलिवरी चार्ज
कलेक्शन पर बकाया टैक्स के लिए मिला है। इस खुलासे
के बाद ज़ोमैटो के शेयरों में 3 प्रतिशत
से अधिक की गिरावट आई, लेकिन इस
साल देखी गई मजबूत तेजी की तुलना में यह मामूली गिरावट है क्योंकि 2023 में अब तक इसके शेयरों में 100 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है
जोमैटो
के अलावा कोटक महिंद्रा बैंक,icici
बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा को भी GST के साथ ब्याज और जुर्माना भी देने को कहा
गया
जैसे -
icici बैंक से करीब 26 करोड़ ,
कोटक महिंद्रा बैंक से 62 लाख ,
महिंद्रा एंड महिंद्रा पर 56 लाख और बाटा से 60 करोड़
GST डिपार्टमेंट की ओर से जोमैटो को यह नोटिस 26 दिसंबर को मिला है। कंपनी ने BSE फाइलिंग में इस बात
जानकारी दी है। हालांकि जोमैटो ने कहा है कि डिलिवरी चार्जेज पर वह किसी भी तरह के
टैक्स देने के लिए जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि कंपनी रेस्टोरेंट पार्टनर्स के लिए
डिलीवरी चार्ज कलेक्ट करती है और company नोटिस का जवाब देने के लिए लीगल सलाह ले रही है।
इससे पहले भी नवंबर में जोमैटो और स्विगी को 750 करोड़ रुपए का प्री-डिमांड नोटिस मिल चुका है जोमैटो ने 3 नवंबर को वित्त वर्ष 2023-24 की
दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर बढ़कर 36 करोड़ रुपए रहा। कंपनी को लगातार दूसरी तिमाही
में प्रॉफिट हुआ था। कंपनी को पिछले साल 251 करोड़ रुपए का लॉस भी हुआ
था।
2023 कैसा रहा ?
जोमैटो और स्विगी ने ऑर्डर पैटर्न पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। इनके अनुसार, देश में 2023 में बिरयानी सबसे ज्यादा ऑर्डर की गई। खास बात यह है कि पिछले 8 सालों में बिरयानी भारत में सबसे ज्यादा ऑर्डर की जाने वाली डिश है।
जोमैटो के अनुसार, 2023 में 10.09 करोड़ ऑर्डर के साथ बिरयानी प्लेटफॉर्म पर सबसे
ज्यादा ऑर्डर की जाने वाले डिश की लिस्ट में सबसे आगे रही। वहीं, पिज्जा 7.45 करोड़ ऑर्डर के साथ दूसरे और नूडल बाउल 4.55 करोड़
ऑर्डर के साथ तीसरे नंबर पर रहा।
इसे
ऐसे समझे बिरयानी
के इतने ऑर्डर से दिल्ली के 8 कुतुब मीनार भर सकते हैं। वहीं पिज्जा की बात
करें तो उनकी संख्या इतनी ज्यादा है कि वह कोलकाता के ईडन गार्डन क्रिकेट स्टेडियम
जितने बड़े 5 स्टेडियम को पूरी तरह ढक सकते हैं। इसके अलावा, नूडल की बात करें तो ये इतने ज्यादा थे कि अगर
सबको लाइन में लगा दिया जाए तो धरती के 22 चक्कर लगा सकते हैं।
जोमैटो ने मुंबई के हनीस नाम के एक व्यक्ति को देश का 'सबसे बड़ा फूडी' का खिताब दिया है। हनीस ने 2023 में खाने के कुल 3580 ऑर्डर किए, जो हर दिन के हिसाब से औसतन 9 ऑर्डर हैं।
वहीं स्विगी की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, बिरयानी लगातार आठवें साल स्विगी पर सबसे अधिक ऑर्डर की जाने वाली डिश रही।
प्लेटफॉर्म को 2023 में बिरयानी के हर सेकेंड 2.5 ऑर्डर मिले। वेज बिरयानी के मुकाबले चिकन बिरयानी का ऑर्डर 5.5 गुना रहा बिरयानी को 40,30,827 बार सर्च किया गया। हर छठी बिरयानी हैदराबाद से ऑर्डर
की गई और इस साल हैदराबाद के स्विगी यूजर ने 1,633 बिरयानी ऑर्डर की।
ये
रिकॉर्ड बनें
·
मुंबई के यूजर ने इस साल खाने के ऑर्डर पर ₹42.3 लाख खर्च किए
·
₹10,000
से अधिक के सबसे ज्यादा ऑर्डर चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद से मिले
·
स्विगी पर जयपुर के एक यूजर ने एक दिन में सबसे ज्यादा 67 ऑर्डर प्लेस किए।
·
एक दिन में सबसे बड़ा ऑर्डर चेन्नई के यूजर ने ₹31,748 का प्लेटफॉर्म को दिया।
·
बेंगलुरु बना केक कैपिटल, चॉकलेट केक के लिए 85 लाख ऑर्डर प्लेस किए गए।
·
2023 में वेलेंटाइन डे के दौरान, भारत ने प्रति मिनट 271 केक का ऑर्डर दिया।
·
दुर्गा पूजा के दौरान गुलाब जामुन के 77 लाख से ज्यादा ऑर्डर प्लेस किए गए।
ज़ोमाटो : एक भारतीय
बहुराष्ट्रीय ऑनलाइन रेस्तरां खोजने और खाना मंगवाने वाली कंपनी है, जिसकी
स्थापना पंकज चड्ढा और दीपिंदर गोयल ने 2008 में
किया था। यह कंपनी अपने साइट और एप के जरिये लोगों को रेस्तरां और उसके मेनू से
लेकर उसमें खाने वाले लोगों द्वारा दिये गए समीक्षा को भी दिखाती है और अपनी
समीक्षा लिखने और खाना मंगाने की भी सुविधा प्रदान करती है
जोमैटो का बिजनेस मॉडल
कंपनी एक-दो नहीं बल्कि कई तरीकों से पैसे कमाती है. पिछले कई सालों से कंपनी मुनाफा नहीं कमा पा रही थी, लेकिन अब कंपनी फायदे में आई है
1- रेस्टोरेंट
लिस्ट कराना और विज्ञापन लेना
जोमैटो की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा
कंपनी के ऐप पर रेस्टोरेंट लिस्ट कराने से आता है. ऐप पर ही कंपनी कई रेस्टोरेंट के विज्ञापन दिखाती है और बदले में
उनसे पैसे चार्ज करती है. जिस रेस्टोरेंट को जोमैटो जितनी ज्यादा विजिबिलिटी देता है, उससे उतनी ही ज्यादा फीस वसूलता है और
कमाई करता है.
2- डिलीवरी
फीस भी कमाई का तरीका
जब आप जोमैटो से कुछ भी ऑर्डर करते
हैं तो उस पर तीन तरह का चार्ज चुकाते हैं. पहला प्रोडक्ट यानी खाने की कीमत. दूसरा रेस्टोरेंट हैंडलिंग चार्ज. वहीं तीसरे नंबर पर आता है डिलीवरी चार्ज, जो जोमैटो आपसे चार्ज करता है किसी भी
प्रोडक्ट को डिलीवर कराने के लिए.
3- रेस्टोरेंट
से कमीशन
कई बार आपने देखा होगा कि किसी
रेस्टोरेंट का खाना जोमैटो पर महंगा दिखता है. ऐसा इसलिए क्योंकि तमाम रेस्टोरेंट को जोमैटो के ऐप पर लिस्ट होने
के लिए एक कमीशन चुकाना होता है. ऐसे में जोमैटो से खाना मंगवाने पर यह चार्ज भी रेस्टोरेंट
ग्राहकों से ही वसूलते हैं.
4- लॉयल्टी
प्रोग्राम से भी कमाता है जोमैटो
जोमैटो ने अपने लॉयल्टी प्रोग्राम से
अधिक से अधिक ग्राहकों को खुद से जोड़ने की कोशिश की है. तमाम कंपनियों की तरह जोमैटो भी एक लॉयल्टी प्रोग्राम चलाता है, जिससे वह अधिक से अधिक ग्राहकों को
खुद से जोड़ता है. अभी जोमैटो 149 रुपये में तीन महीने के लिए जोमैटो
गोल्ड का सब्सक्रिप्शन दे रही है. यह भी कंपनी की कमाई का एक जरिया है. हालांकि, कंपनियां इसे कमाई से ज्यादा ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के टूल की
तरह देखती हैं और इसके चलते बाकी तरीकों से होने वाली कमाई खुद ही बढ़ जाती है.
5- इवेंट्स
टिकट सेल भी कमाई का जरिया
जोमौटो की तरफ से कुछ खास इवेंट की
टिकट बेची जाती हैं. इन इवेंट के जरिए ग्राहकों को एक खास रेस्टोरेंट तक पहुंचाया जाता
है. इससे उस रेस्टोरेंट की कमाई होती है
और उसका एक हिस्सा जोमैटो को मिलता है.
6- जोमालैंड
इवेंट का आयोजन
जोमैटो की तरफ से समय-समय पर जोमालैंड इवेंट का आयोजन किया जाता है. इस इवेंट में उस शहर के बहुत सारे लोग जमा होते हैं, जिस शहर में यह इवेंट होता है. यह एक तरह का फूड एंटरटेनमेंट कार्निवल होता है, जिससे कंपनी तगड़ी कमाई करती है.
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