कही आप भी भिखारी तो नहीं ?
भारत सरकार के हाल ही की खबरों के अनुसार भारत के 10 बड़े शहरों को भिखारियों से जल्द ही मुक्त कर लिया जाएगा सरकार इसके लिए एक विस्तृत योजना बना चुकी है भारत के इन 10 शहरों में से आने वाले 2 वर्षों में पूरी तरह से भिक्षावृत्ति को खत्म कर दिया जाएगा पहले चरण जैसे ही सफल होता दिखेगा उसके बाद भारत के उन सभी 100 शहरों को भी शामिल किया जाएगा जो सरकार ने पहले से स्मार्ट सिटी के रूप में नामित किया है
कौन कौन से शहर : 10 शहरो में सबसे पहले दिल्ली, मुंबई , कोलकाता ,चेन्नई , बेंगलुरु, हैदराबाद , नागपुर , इंदौर , पटना और लखनऊ इन पर सबसे पहले फोकस रहेगा
योजना : सभी भिखारियों के पुनर्वास से लेकर समाज के मुख्य धारा में जोड़ने का काम सरकार सबसे पहले करेगी सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय ने मिशन 2022 के तहत यह चुनौती पूर्ण काम हाथ में लिया था सबसे बड़ी बात यह भी है कि सरकार ने इसके लिए अधिक बजट जारी किया है वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में भिखारी के लिए 100 करोड रुपए जारी किया गया है जबकि 2019-20 के बजट में मात्र 25 करोड़ ही था
इस योजना में शामिल किए गए सभी शहरो से एक्शन प्लान मांगा गया है और सबसे पहले इन 10 शहरों में से मध्य प्रदेश राज्य का इंदौर शहर जो भारत देश का सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा पिछले 6 वर्षो से लागातार प्राप्त कर रहा है और इस शहर ने तो मंत्रालय को अपनी जवाब भी दे चुका है
इंदौर शहर के अनुसार भिक्षावृत्ति में लगे लोगों के लिए इन्हीं शहरों में रेस्क्यू सेंटर खोले जाएंगे जो नगर निगम और एनजीओ के माध्यम से संचालित किया जाएगा इसके साथ ही इन्हें रोजगार, स्वास्थ्य , शिक्षा जैसी सुविधाओ से भी जोड़ा जाएगा
सबसे बड़ा सवाल देश में कितने भिखारी है ?
1000 , 2000 नहीं मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत देश में लगभग 6 लाख लोग भिक्षावृत्ति में शामिल हैं ये आकड़े बहुत पुराने भी हैं किस वर्ष के आकड़े के अनुसार सरकार ने 6 लाख बताया यह अभी तक नहीं बताया सरकार ने | सरकार के द्वारा सबसे पहले काम इनकी संख्या का आकलन करना उसके बाद इन्हें सूचीबद्ध करना ही पहले चरण का प्रमुख काम होगा
21 मार्च 2018 में लोकसभा में पेश किए गए आकड़े के अनुसार देश भर में 413760 भिखारी है जिसमें से 221673 पुरुष और 191997 महिलाएं शामिल है सामाजिक कल्याण मंत्री के अनुसार सबसे अधिक पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और तीसरे स्थान पर बिहार राज्य सबसे कम भिखारी लक्षद्वीप में मात्र 2 है इसी तरह अगर आप वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट को देखे तो आपको कुछ राज्यों में पुरुषो से कही ज्यादा महिलाये भिक्षावृत्ति में शामिल है
पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति सबसे सही है जहां पर सबसे कम भिखारी है इन भिखारी की संख्या में सभी धर्म के लोग हैं एक आकडे में यह भी बताया गया कि हर चार भिखारियों में से एक भिखारी मुस्लिम जरूर है लेकिन देश में इनका जनसंख्या में योगदान करीब 20% ही है |
भिखारी कौन : कानून के अनुसार अगर आपके पास गुजारे का कोई एक निश्चित माध्यम नहीं है और आप पब्लिक स्पेस पर भटक रहे तो आप कानून की भाषा में भिखारी है भिखारी सिर्फ वह नहीं है जो आपकी कार के शीशे के बाहर हाथ फैला कर खड़ा है सरकार उसे भी भिखारी मानती है जो कला दिखाकर पैसा मांग रहा है जैसे गाना गाकर , नाचकर ,ज्योतिष विद्या , सड़क पर नाटक दिखाकर पैसा मांगने वाले को भी भिखारी माना जाता है
हैरान करने वाली बात तो ये भी है की दुनिया में सबसे अधिक भिखारी वाला देश भारत ही है इसे आप गूगल पर सर्च भी कर सकते है जबकि आप भिखारी शब्द ही गूगल पर लिखेगे तो अपने पडोसी देश पाकिस्तान देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की फोटो और नाम आपको देखने को मिलेगा
भारत देश में भिक्षावृत्ति बढ़ने का सबसे बड़ा एक कारण ये भी बताया गया है की जिन शहरो में धार्मिक स्थल अधिक है चाहे वो हिन्दू मंदिर हो या मुस्लिम समुदाय के मस्जिद हो वहा के आस पास के करीब 10 गाँव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल होते है और सबसे बड़ी बात ये भी है की इस स्थानों पर उन बच्चो या बच्चियों से भीख मागने पर मजबूर किया जाता है जिसने अभी तक अपना ठीक से बचपन जिया भी नहीं है जबकि कुछ महिला और पुरुष शारीरिक रूप से पूरी तरह से फिट होने के बाद भी आदत से मजबूर हो जाते है इस लिए ऐसे काम करते है
आप सभी को जानकर हैरानी भी होगी की जिन राज्यों में सबसे अधिक धार्मिक स्थल है उन राज्यों में शिक्षा का स्तर सबसे कम पाया गया है किसी एक जिले में हो तो कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन सभी जिलो की यही रिपोर्ट देखने को मिलती है सालो साल यही होता आया है जैसे आप उत्तर प्रदेश के किसी जिले का डाटा उठा लीजिये जहा पर सबसे अधिक धार्मिक स्थल है अभी तक के सरकरी आकड़े के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिलो की बात किया जाए तो आप ऐसे समझे जैसे :- गौतम बुध नगर जिला सबसे शिक्षित जिला माना गया है जिसे पहला स्थान मिला है इसके बाद के जिलो का स्थान वाराणसी जिला 9 वा स्थान , इलाहाबाद (प्रयागराज) जिले को 15 वा स्थान , अम्बेडकर नगर को 16 वा , आगरा 21 वा स्थान , गोरखपुर 27 वा स्थान , मथुरा 30 वा स्थान , भदोही ( संत रवि दास नगर ) 35 वा स्थान , संत कबीर नगर 45 वा स्थान , अयोध्या जिला का स्थान 43 वा जहा प्रभु श्रीराम जी की प्राण प्रतिष्ठा भी की गई है , कुशीनगर जिला 49 वा स्थान , सिदार्थनगर 63 वा स्थान , श्रावस्ती को 71 वा स्थान मिला है और सबसे ख़राब स्थिति श्रावस्ती जिले की है जबकि ये वही श्रावस्ती जिला है जहा पर अपने जीवन का सबसे अधिक समय भगवान गौतम बुद् जी ने बिताया था ऊपर के सभी जिले हमारे हिन्दू धर्म के साथ मुस्लिम समुदाय के कितने प्रिय है किसी को बताने की जरूरत नहीं है और रही बात उन जिलो की जिनका यहाँ पर जिक्र नहीं है उन जिलो का भी हाल ऐसे ही ख़राब है
इसी तरह आप बिहार के किसी जिले को उठा लीजिये आपको एक ही जैसे समानता देखने को मिलेगी इसी तरह आप केरल के कुल 14 जिलो में से किसी जिले को उठा लीजिये आप को 12 जिलो की साक्षरता दर 90% से अधिक कुछ जिलो की 97% से भी अधिक है बाकी के 2 जिले भी 89.03 % और 89.31% है ऐसे में इस मुद्दे को आप कोई छोटा ना मानिये आप सभी के लिए मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है क्योकि ये धर्म से जुडा हुआ है
धर्म से थोड़ा हटकर बात किया जाये तो बात आपको और आसानी से समझ में आएगा जैसे मुम्बई शहर को भारत देश की जान कहा जाता है इसके कई कारण है जैसे इस शहर से सबसे अधिक आर्थिक कमाई भारत देश को मिलती है अर्थात भारत देश की आर्थिक राजधानी मुंबई ही है , भारत की फिल्म इंडस्ट्री की बात करे तो सभी लोगो को एक ही नाम जुबान पर आता है वो है मुंबई , सबसे अमीर लोग कहा रहते है मुंबई में , सबसे अधिक मुख्यालय या कहे की वो प्रमुख मुख्यालय जिनसे भारत देश की आर्थिक विकास तय किया जाता है लगभग सभी मुंबई में ही है ऐसे ही हजारो गुण है इस शहर में |
लेकिन असली सच्चाई आपको नहीं पता होगा क्योकि अखबारों में न्यूज़ चैनलों में केवल बड़ी बड़ी बाते ही दिखाई और सुनाई देती है आप सभी को हैरानी होगी या नहीं लेकिन अगर भारत देश में सबसे अमीर लोग मुंबई शहर में रहते है तो देश के सबसे गरीब लोग भी मुंबई शहर में ही रहते मिलेंगे क्योकि एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी झुग्गी झोपडी आपके मुंबई शहर के बीचो बीच में ही है देखने पर आपको ऐसा लगेगा जैसे किसी ने अमीर गरीब का विभाजन रेखा खीच दिया है स्थिति तो ये है की इनके पास न रहने का पक्का मकान है और न ही रोजगार के कोई साधन ऐसे में यही लोग सुबह से लेकर शाम तक सडको पर आपके गाडियों के पास से भीख मागंते है
अब ऐसे ही एक और शहर की बात कर लिए जाये जो शहर अक्सर या यू कहे की आजादी के पहले से ही विवादित बना है शहर है हैदराबाद , आप सभी को याद दिला दु की कुछ समय पहले ही भारत के प्रधानमत्री मोदी जी और चीन के राष्टपति शी जिनपिंग के बीच हैदराबाद शहर में मुलाक़ात हुई थी मुलाक़ात होने से 2 से 3 महीने पहले से सरकारी टीम के सदस्यों ने उस रास्ते में आने वाले सभी झुग्गी झोपड़ियो को बड़ी बड़ी दीवारों के माध्यम से या बड़े बड़े लोहे की चादरों की दीवार बना कर उसे ढक दिया था यहाँ तक की शहर के सभी भिखारियों को कुछ समय के लिए शहर में प्रवेश करने से मना कर दिया गया था जब बात नहीं बनी तो कुछ भिखारियों को दुसरे शहरो में भी छोड़ा गया था
ऐसी ही एक और समस्या हमारे देश और समाज में है जिसे हम फूटी आंख भी नहीं देखना चाहते है जिसे हिंदी में कहना यहाँ ठीक नहीं लगेगा लेकिन अंग्रेजी में इन्हें थर्ड जेंडर कहते है जो आज भी अपने अधिकारों के लिए समाज से , देश से और कानून से संघर्ष कर रही है इनका पूरा जीवन ही भिक्षावृत्ति पर निर्भर है दुःख तो इस बात का होता है जो समाज इनको देखना तक पसंद नहीं करता है वही समाज ख़ुशी के मौके पर इनसे आशीर्वाद लेने का मौक़ा कभी नहीं छोड़ता है आपके आस पास बहुत से लोग होंगे जो सिक्का और पैसा देकर आशीर्वाद लेते नहीं भूलते है लेकिन उन्ही लोगो से जब इनके रोजगार , शिक्षा और सामाजिक मान्यता देने के लिए कहा जाता है तो मुख टेढा करते फिरते है अरे इनको इसकी क्या ही जरूरत है और सबका एक ही जवाब होता है की जब भगवान ने ही इन्हें ऐसा बनाया है तो हम क्यों अधिकार दे .......
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