धान का कटोरा : छत्तीसगढ़ राज्य की कहानी
धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ की चुनावी थाली में धान बड़े हिस्से में भी मौजूद रहेगा कांग्रेस सरकार का दावा है की कर्ज माफी के वादे को पूरा कर उसने करीब 18 लाख किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाई पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार पंजाब के बाद सबसे अधिक धान की खरीद छत्तीसगढ़ में हुई थी अब राज्य की विधानसभा चुनाव को होने में कुछ ही महीने बचे हैं इसलिए आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया इस राज्य की 2.75 करोड़ आबादी में 43 लाख की जनसंख्या किसान परिवारों की है |
केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित MSP 2040 रुपए है जिसमें सब्सिडी मिलाकर इस राज्य की सरकार प्रति क्विंटल धान की कीमत 2649 दी गई है जबकि विपक्ष का कहना है कि किसानों के खाते में 2040 से 2060 रुपए के हिसाब से ही पैसा मिला जबकि सरकार का वादा ₹2500 था
शायद छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इलाके में 22000 किस्म की धान के संग्रह रिकार्ड मौजूद है भौगोलिक रूप से ऐसा हिस्सा है जिसके दोनों तरफ पठारी क्षेत्र और बीच में मैदानी भाग है ..........
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