पाकिस्तान आर्मी का विजनेस माडल

 


पाकिस्तान आर्मी का विजनेस माडल 

दुनिया में मात्र पाकिस्तान देश ही एक ऐसा है जिस देश की आर्मी देश की सुरक्षा के साथ साथ देश और विदेश में बहुत ही अधिक मात्रा पर विजनेस भी करती है  विजनेस को अच्छे से चलाने के लिए इसने इसके लिए 4 ट्रस्ट का भी निर्माण किया है :-

1. मिलिट्री फाउंडेशन 

2.आर्मी वेलफेयर 

3.शाहीन फाउंडेशन 

4. बहरिया फाउंडेशन 

इतना ही नहीं इसके साथ ही सीमेन्ट , डेयरी , दुग्ध उत्पादन, स्कुल - कालेजो ,बैंक  , पेट्रोल पम्प , कपडे की फैक्टी का भी विजनेस खुद ही करती है अर्थात छोटे से लेकर बड़े विजनेस में इस देश की आर्मी सीधे तौर पर शामिल है इस देश  की आर्मी ने देश भर के 50 से अधिक कंपिनयो के स्टॉक शेयर में निवेश कर रखा है इसके साथ ही इसका कुल रेवन्यू करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है |



इस देश की आर्मी ने आजादी के बाद से करीब 1954 में सबसे पहला वेलफेयर फाउंडेशन को शुरू किया था इस समय के आर्मी चीफ अयूब खान और रक्षा सचिव मेजर जनरल इस्कंदर मिर्जा ने फौजी फाउंडेशन बनाया था और सबसे बड़ी बात तो ये थी की इस फाउंडेशन का निर्माण उन पैसो से किया गया था जो आजादी के समय मिला था 

पाकिस्तान देश की आर्मी की शक्तियों की बात किया जाये तो पहले से ही मजबूत थी जैसे पाकिस्तान  के पहले प्रधानमत्री लियाकत अली खान की हत्या 1951 में कर दी गई थी इसके बाद देश के दुसरे प्रधानमत्री कुलीन ख्वाजा निजामुद्दीन की भी ह्त्या 1953 में  इसके बाद तो पाकिस्तान में राजनीतिक संकट का दौर आ जाता है आपस में ही शक्तियों को लेकर आपसी लड़ाई जारी हो जाती है 

और यह लड़ाई बड़े स्तर पर जैसे गवर्नर जनरल और प्रधानमंत्री के बीच सीधे सीधे तौर पर होती रही और पाकिस्तान देश की अर्थव्यवस्था काफी ख़राब हो गई थी और स्थिति खराब होते देख देश की आर्मी ने व्यापार के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखती है इससे पहले भी था लेकिन अब सीधे सीधे व्यापार करना शुरू करती है और इस तरह से देखा जाये तो पाकिस्तान में 1954 से लेकर 1969 तक राजनीतिक अस्थिरता का दौर था जिसमे आर्मी का विजनेस ने काफी विस्तार किया 



वर्ष 1958 में एक घटना घटित होती है पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति मेजर जनरल इस्कंदर ने देश की संसद और प्रधानमत्री फिरोज खान नून की सरकार को बर्खास्त कर दिया और देशभर में मार्शल ला लागू कर दिया और उस समय के आर्मी कमांडर इन चीफ जनरल अयूब खान को देश का प्रमुख घोषित कर दिया 

 इसके मात्र 13 दिन बाद ही अयूब खान ने देश के राष्टपति को ही पद से हटाकर खुद ही देश के राष्टपति बन गए अब आप समझ ही सकते है की जब देश की पूरी शक्ति आर्मी के हाथ में आ गई हो तो आर्मी ने सबसे पहले अपने विजनेस को बढ़ाया और उन उन क्षेत्रो में निवेश किया जहा से सबसे अधिक कमाई हो सकती है बताया तो ये भी जाता है की 1969 तक इस देश की आर्मी का व्यापार केवल पश्चिमी पाकिस्तान  तक ही सीमित नहीं था बल्कि आज के बंगलादेश में भी काफी बड़ा व्यापार था लेकिन 1969 से काफी विरोध होने के बाद से इस हिस्से में व्यापार उतना नहीं चला कई सरकारों ने इसका विरोध किया था लेकिन कुछ ख़ास बदलाव नहीं कर पाए एक तरह से देखा जाये तो आर्मी के पास पाकिस्तान के करीब 8 बड़े शहरो में 2 लाख करोड़ रुँपये की प्रापर्टी मौजूद है ये प्रमुख शहर लाहौर, मुल्तान , गुजरावाला , बहावलपुर , पेशावर , केटा , इस्लामाबाद , रावलपिंडी , कराची जैसे शहर इस लिस्ट में शामिल है|

पाकिस्तान एयरफोर्स भी इसी तरह से अपना खुद का विजनेस करती है इसको चलाने के लिए शाहीन ट्रस्ट का गठन किया गया था इसकी स्थापना 1977 में की गई और ये आज लाहौर के साथ कई अन्य शहरो में विजनेस को संभालती है |


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