बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन ? समाज या सरकार

 



  बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन ? समाज या सरकार   

1. एक रिपोर्ट के अनुसार आज देशभर के अस्पतालों में करीब 4 लाख डाक्टरों की कमी , 40 लाख नर्स की कमी और 7 लाख बिस्तरों की कमी है जो इतनी बड़ी आबादी कहे या दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश कहे एक तरह से यह एक गंभीर चिंता का विषय है क्योकि पुरे विश्व की करीब 20% आबादी अकेले भारत देश में ही रहती है 

2. लेकिन जब स्वास्थ्य सेवाओं की बात करते है तो छोटे छोटे देश भी भारत देश से आगे रहते पाए जाते है ऐसे में इस पर काफी सवाल उठता है की आखिर कब तक हम बच्चों की मौत का तमाशा देखते रहेंगे ?

3. जैसे हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत देश में ही प्रतिदिन एक वर्ष के अंदर कम से कम 2350 बच्चों की मौत हो जाती है इसी तरह वर्ष 2014 में भी एक रिपोर्ट जारी हुई थी इसके अनुसार पैदा होने वाले प्रति 1000 बच्चों में से 39 बच्चे तो अपना पहला जन्मदिन तक नहीं देख पाते है इसके पहले ही इनकी मौत किसी न किसी कारण से हो जाती है और आज वर्तमान में यह संख्या 39 से कम होकर 33 पर पहुची है

4. जैसे भारतीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मन्त्रालय के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 2.60 करोड़ बच्चों का जन्म होता है और इनमे से 8.50 लाख नवजात बच्चों की मौत हो जाती है इसके मौत होने के कुछ प्रमुख कारण सामने आये है जैसे जन्म सम्बन्धी जटिलताये , सेप्सिस इन्फेक्शन , डायरिया ,साँस लेने में दिक्कत , हाइपोथर्मिया , कम वजन का होना ऐसी ही कई और समस्याए होती है 

5. अन्तर्राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ के अनुसार करीब 80% मौतों के पीछे का कारण समय से पहले होने वाले जन्म , जन्म के समय होने वाली माँ और बच्चे को समस्या , निमोनिया तथा संक्रमण की समस्या जैसे कारण जिम्मेदार होती है 

6. इसके साथ ही अगर संसाधनों की कमी की बात किया जाये तो भारत देश में काफी कमी आज भी व्याप्त है जैसे डाक्टरों की कमी और नर्सो की कमी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है और अस्पतालों में बिस्तर की कमी का हाल तो और भी ख़राब  है जैसे प्रति एक हजार मरीज पर ब्राजील देश में बेडो की संख्या 2.3 है तो वही भारत देश में यही संख्या 0.7 है इसका सीधा सा मतलब है की करीब 3000 लोगो पर 2 बेड है जबकि होना चाहिए प्रति एक हजार पर 1 बेड |

7. इन सभी कारणों के अलावा सबसे बड़ा कारण समाजिक भेदभाव का है जिस पर कोई बात तक नहीं करता है क्योकि कोई इसे धार्मिक तो कोई इसे राजनीतिक मुद्दा समझता है जैसे बेटा - बेटी में भेदभाव भी नवजात बच्चो के मौत का सबसे बड़ा कारण है 



8. इसी युनिसेफ संस्था के अनुसार दुनिया के बड़े देशो में भारत एक मात्र देश है जहा पर लडको की अपेक्षा लडकियों की मृत्यु दर सबसे अधिक है इसका सबसे बड़ा कारण है लोगो को लड़के पैदा करने की चाहत चाहे ये सामाजिक कारण हो या आर्थिक कारण हो या अपने वंश को आगे बढ़ाने की बात हो 

9. एक रिपोर्ट कुछ ही समय पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मन्त्रालय की ओर से जारी की गई की थी कि वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में 5 वर्ष से कम उम्र की लडकियों की मृत्यु दर में 11% की वृद्धि देखी गई थी  

10. ध्यान देने वाली बात ये भी है की अस्पतालों में मरने वाले अधिकतर बच्चों में समाज के निचले स्तर के ही होते है इससे यह साबित होता है कि न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था में कमिया मौजूद है बल्कि इसके साथ ही समाजिक कमिया भी सबसे बड़ी वजह है 

11. जैसे आपने हाल ही में सुना और देखा भी होगा चाहे आप राजस्थान के कोटा की बात करे , मुजफ्फरपुर की घटना , गोरखपुर में एक के बाद एक घटित घटना सभी में एक ही बात सामने आ रही थी कि कुपोषण की समस्या , डाक्टरों की कमी , खोखली पड़ी तीन स्तरीय स्वास्थ्य व्यवस्था , अशिक्षा और सबसे बड़ा कारण जागरूकता की कमी इन सभी को एक धागे में जोड़े हुए है जिसका असर आपको देश भर में दिखाई देती रहती है हर कुछ ही दिनों में |


12. जैसे ग्रामीण क्षेत्रों की बात किया जाये तो गर्भवती महिलाओं में कुपोषण की समस्या होती ही है अर्थात महिलाए माँ बनने से पहले ही कुपोषण का शिकार हो जाती है जिसके कारण से प्री - टर्म डिलीवरी ( समय से पहले ) का खतरा बना हुआ होता है 

13. और अगर समय से पहले डिलीवरी हो जाती है तो बच्चो में संक्रमण का होने का खतरा सबसे अधिक होता है कई बार तो बच्चे जन्म के बाद से ही ICU में भर्ती कर दिए जाते है और काफी समय तक इसमें रहते है 

14. जैसे एक रिपोर्ट लासेंट की कुछ ही समय पहले जारी हुई थी की भारत देश में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चो की मौत के करीब 68% मामले तो कुपोषण के ही होते है 

15. इस बात को सरकार के साथ साथ इस समाज को भी समझना होगा की बच्चो की मौत न केवल देश के मानव संसाधन की बल्कि इससे भी आगे मानव पूंजी की बर्बादी ही है इसके कारण से देश का विकास प्रभावित होता है क्योकि इस बात से इनकार तो नही किया जा सकता है की हम एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण तभी कर सकते है जब हमारी शिक्षा का स्तर काफी ऊचा हो क्योकि जागरूकता के लिए शिक्षा सबसे जरुरी माध्यम होता है......................  




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