भूगर्भ जल संपदा का महत्व , सुरक्षा , संरक्षण एवं प्रबंध




 भूगर्भ जल संपदा का महत्व , सुरक्षा , संरक्षण एवं प्रबंध 


 भूगर्भ क्या होता है :- 

आपके आस - पास जो भी चीजे आपको धरती पर दिखाई देती है इसके साथ ही  पृथ्वी के अंदर की वह सारी चीजे जो हम पाना चाहते हैं पृथ्वी की आंतरिक संरचना एवं बनावट बताती है कि यह कई परतों में प्याज के छिलके की तरह एक दूसरे के ऊपर स्थित है 

इसके बचाव और जागरूकता फ़ैलाने के लिए ही प्रतिवर्ष पुरे विश्व में 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस तो वहीं 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है इसके साथ ही 10 जून को विश्व भूगर्भ जल दिवस इन सभी का एक ही उद्देश्य होता है कि सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना और सतही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना



 भूगर्भ जल :- यह अपनी प्राकृतिक स्रोतों से आता है जो या तो भूजल या सतही होता है पृथ्वी का निर्माण भूपर्पटी, स्थल रूप और शैल यानी कि जिसे चट्टान कहते हैं से ही हुआ है जहां पर सभी धातु, पेट्रोलियम पदार्थ पाए जाते हैं 

उत्तर प्रदेश के 70% हिस्सों में भूगर्भ जल से सिंचाई होती है इस भूमि के जल को  नलकूपो आदि साधनों द्वारा खेती और जन सामान्य के पीने हेतु काम में लिया जाता है सतह पर पीने योग्य उपलब्ध जल संसाधनों की तुलना में यह अधिक महत्वपूर्ण होता है 



 अमेरिका में 50% लोग भूजल का उपयोग पीने के पानी के लिए करते हैं लेकिन सर्वाधिक उपयोग सिंचाई विभाग कृषि में होता है

 कमी के कारण : -

1. प्रतिवर्ष बरसात में कमी 

2.वर्षा जल का ठहराव नहीं होना

3.सिंचाई कार्यों के लिए अंधाधुंध भूजल का उपयोग 

4.बोरिंग से जल दोहन

5.शहरीकरण ,जलवायु परिवर्तन

6.पेड़ो की कटाई जैसे मुख्य कारण है  

केंद्रीय भूजल बोर्ड के अनुसार भारत में जल का 70% भूजल से ही प्राप्त होता है इसके संरक्षण के लिए जल के अन्य स्रोतों जैसे :-

1.उपचारित जल के उपयोग को बढ़ावा देना 

2.अच्छी सीवेज प्रणाली विकसित करना 

3.कृषि और बागवानी में पुनः चक्रीय जल के उपयोग को बढ़ावा देना ,

4.जल संरक्षण के महत्व एवं भूजल की कमी को रोकने के लिए जागरुकता फैलाना  

5.वृक्षारोपण करना 

6.ब्रश करते वक्त पानी की टोटी खुला ना छोड़ना

7. बाधो का निर्माण करना और छोटे-छोटे तालाबों का निर्माण करना 


 कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :- 
1. जल एकमात्र पदार्थ जो तीनों अवस्थाओ में पाया जाता है पृथ्वी का 71% भाग इन्ही समुंद्री जल से घिरा है इसके बाद भी समय-समय पर कई देशों में, शहरों में पानी की समस्या देखी जाती है इसके अलावा 1.6% भूमिगत जल, 0.001% बर्फ के रूप में , 0.6% नदियों और तालाबों में जल उपस्थित है 

2. 2025 तक आधी दुनिया जल संकट का सामना करेगी 

3. कपास के उत्पादन के कारण भी पानी की कमी जैसे एक जींस के कपड़े बनाने में करीब 11 लीटर पानी की जरूरत होती है यह भी जल इसी जमीन से ही आता है

4.कुछ ऐसे पेड़ पौधे जो बहुत पानी का संचय कहते हैं जैसे लिप्ट्स , गन्ने की खेती,  धान की खेती आदि 

5.इसीलिए इसका प्रबंधन मानव स्वास्थ्य आजीविका और उत्तर उत्पादकता के लिए पर्याप्त मात्रा और गुणवत्ता वाली पानी उपलब्ध कराना आवश्यक है ...... ...............

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