रात में बार बार नींद का टूटना : कितनी घातक बीमारी
समय समय पर इसको लेकर कई सर्वे और इसके बाद रिपोर्ट जारी किया जाता रहा की इंसानों का एक निश्चित सीमा से कम नींद लेने पर कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता है अब एक ऐसी ही रिपोर्ट जारी की गई की अगर आपकी नींद बार बात सोते समय टूटती है तो इसका हमारे शरीर और साथ ही हमारे मस्तिष्क पर कितना घातक असर होता है
1.इस सर्वे में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति की नींद बार बार टूटती है तो वह पूरी तरह से OSA ( आब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया ) जैसी बीमारी का शिकार है ऐसे में वह व्यक्ति पूरी रात ठीक से 15 मिनट भी नहीं सो पाता है
2.इसे आप ऐसे समझ सकते है कि आप दिन में आराम से साँस को ग्रहण और उसका त्याग करते है लेकिन रात के समय में आपका पूरा शरीर आराम (rest) की अवस्था में होता है ऐसे में साँस को लेने और बाहर करने में जब समस्या होने लगती है तो इंसान गहरी नींद में नहीं सो सकता है क्योकि खड़े होकर साँस लेने और लेटकर सोते समय साँस लेने में काफी अंतर होता है ऐसे में यह समस्या काफी बड़ी हो जाती है
जैसे जब आप सोते समय साँस लेते है तो जीभ गले की ओर पीछे हो जाती है और कई बार साँस लेने में समस्या आती है इसके कारण से कई लोगो की नाक भी आवाज (खर्राटे लेना ) करती है और कई लोग तो मुख से साँस लेने लगते है और जब आप मुख से साँस लेने लगते है तो आप लगातार 15 मिनट से अधिक अच्छी नींद नहीं सो पाते है कई बार तो आपको इसका एहसास नहीं होता है लेकिन अगर आपके साथ कोई सोया है तो वो जरुर प्रभावित होता है
3.यह सर्वे करीब 7500 लोगो पर एक साथ किया गया था सबसे बड़ी बात ये भी है कि इसमें दुनिया भर के कई देशो के वैज्ञानिको और विशेषज्ञयों को शामिल किया गया था इसके कारण से इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद काफी चर्चा हो रही है
4. आप सभी को जानकर हैरानी होगी की भारत देश में ही प्रति 10 लोगो में से एक इंसान इस समस्या से पीड़ित है और जैसे जैसे आपकी उम्र बढती जाती है इसका असर भी बढ़ता ही जाता है और इसका असर आपके कार्य पर भी दिखाई देने लगता है
5.आप सभी को जानकारी के लिए पता होना ही चाहिए कि भारत देश में इसको लेकर एक तरह से यह एक पहली रिपोर्ट है ऐसे में सबका ध्यान इस पर है कि इसका सही समाधान क्या क्या हो सकता है और अगर समाधान नहीं हुआ तो कितना घातक साबित हो सकता है ?
6.दुनिया भर में एक कहावत काफी प्रचलित है की उम्र बढ़ने के साथ साथ बीमारी भी बढ़ने लगती है जैसे एक निश्चित उम्र के बाद अधिकतर इंसानों को भूलने की बिमारी (डिमेंशिया ), स्ट्रोक या हार्ट अटैक जैसे चीजे एक सामान्य सी हो जाती है लोगो को लगने लगता है की ये तो होना ही था किसी को पहले तो किसी को कुछ ही वर्ष बाद |
7.इस सर्वे में इन शामिल व्यक्तियों से कई सवाल पूछे गये जैसे आपने कल क्या क्या किया था ? , पिछले कुछ दिनों में किये गए कार्यो को लेकर आपकी सोच कैसी रही है ?, आपको किसी भूले हुए चीज को याद करने में कितना दिमाग लगाना पड़ता है ?, आपकी कार्यक्षमता कितनी प्रभावित हुई है ? ऐसे ही हजारो सवाल पूछे गए थे
8. इस रिपोर्ट में तो नींद के कई प्रकार बताये गए है जैसे हल्की नींद , गहरी नींद , ड्रीम या नॉन ड्रीम नींद और हमारे शरीर में इनका अलग अलग योगदान होता है ऐसे में कोई एक प्रभावित होने पर पूरे शरीर पर प्रभाव दिखाई देने लगता है
9. इसके बचाव के लिए सबसे पहले आपको अपने वजन पर कण्ट्रोल करना होगा क्योकि वजन के साथ साथ हमारे मोटापा से हमारे गले के पास जमा वसा ही हमे साँस लेने के रास्ते बनाती है इसलिए अधिकतर मोटापा के शिकार लोग इसके अधिक शिकार होते है
10.अगर आपको सर्दी -जुकाम की समस्या है तो भी आप सीधे सीधे नाक से साँस नहीं ले पाते है ऐसे में आपकी नींद रात में कई बार टूटती है
11.जो लोग बहुत अधिक शराब /नशा का सेवन करते है तो सोते समय इनका शरीर और ही अधिक आराम अवस्था ( टोटली रेस्ट स्टेज) में चला जाता है और इनकी मांसपेशिया काफी सिकुड़ जाती है और ये लोग भी मुख से ही साँस ग्रहण और त्याग करते है
आपके लिए सोना कितना जरुरी है :-
1. विशेषज्ञ सलाह देते है की जिसकी उम्र जितनी कम हो उसको उतना ही अधिक देर तक सोना चाहिए जैसे जैसे आपकी उम्र बढती है आपकी सोंने के घंटे अपने आप कम होने लगता है लेकिन इसको मेंटेन करना बहुत ही जरुरी होता है जैसे नवजात बच्चो को करीब 14 से 15 घंटे , किशोरावस्था के लोगो को 8 से 10 घंटे और जिनकी उम्र 50 से अधिक हो गई हो उनको 7 से 8 घंटे की नींद लेनी ही चाहिए
2. कई बार देखा जाता है कि लोग नींद आने पर चाय/ काफी जैसे पेय पदार्थ का सेवन करके नींद को कुछ समय के लिए दूर तो कर लेते है लेकिन यह तरीका बहुत सही नहीं होता है क्योकि इससे आपका खान -पान , रहन -सहन सब पर प्रभाव पड़ता है जैसे भोजन करने के बाद कुछ देर आराम की जरूरत होती है ऐसे में अगर कोई चाय / काफी का सेवन करता है तो इससे उसकी नींद तो प्रभावित हो ही रही है इसके साथ ही साथ उसकी भूख भी कम होने लगती है
प्रभाव :-
1. सबसे पहला असर आपको देखने को मिलेगा की आपको दिन में भी नींद आएगी जबकि आपने रात में जागकर कोई काम भी नहीं किया था
2.दिमागी क्षमता का पूरी तरह से कार्य न करना अर्थात फैसले करने में हडबडाहट होना
3. भूलने की क्षमता का विकास होना छोटी छोटी बाते आप भूलने लगते है और इसके कारण से कई बार आपसी तनाव भी पैदा हो जाता है
4. दिल की बीमारी /अवसाद का होना/ऊर्जा की कमी का महसूस होना/ब्लड प्रेशर का बढ़ना ऐसी ही हजारो समस्या देखने को मिलती है ....................
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