सबरीमाला मंदिर
भारत देश में एक ऐसा मंदिर जो हमेशा चर्चा में बना रहता है चाहे कोई चुनाव का समय हो या जब दर्शन करने के लिए इसको भक्तो के लिए खोला जाता है तो इस मंदिर के बारे में चर्चा जरुर होता है
विस्तार : - यह मंदिर केरल राज्य में है जो भगवान अयप्पा को समर्पित मंदिर है मंदिर करीब 800 वर्ष पुराना है मंदिर का नाम " शबरी " रामायण से लिया गया है जो 18 पहाडियों के मध्य में स्थित है एक मान्यता तो ये भी है की मकर संक्रांति की रात में घने अँधेरे में एक ज्योति दिखती है इसके दर्शन के लिए विश्व भर से लाखो भक्त दर्शन के लिए आते है प्रकाश के साथ साथ ध्वनि भी सुनाई देती है इसे मकर ज्योति का नाम दिया गया है
दर्शन के नियम :- सभी भक्तो को करीब 2 महीने पहले से ही मांस मछली का त्याग करना होता है 10 वर्ष से कम और 50 वर्ष के अधिक उम्र की महिलाये दर्शन कर सकती है भगवान अयप्पा को हरिहरपुत्र जो विष्णु और भगवान शिव जी के पुत्र माने जाते है और सबसे बड़ी बात ये है इस मंदिर की कि इस मंदीर में सभी धर्मो के लोग दर्शन करने जा सकते है
यह मंदिर करीब 914 मीटर की उच्चाई पर बना हुआ है जाने का मार्ग केवल पैदल ही है सबसे बड़ी बात ये होती है की आस पास घने जंगल है जहा पर खतरनाक जानवर भी पाए जाते है इसके बाद भी कई लाख भक्त प्रतिवर्ष इस मंदिर में दर्शन के लिए आते है इस मंदिर का प्रमुख त्यौहार 15 नवम्बर मंडलम और 14 जनवरी को विल्ककू मनाया जाता है
मंदिर की देखभाल के लिए देवास्वोम बोर्ड बनाया गया है यह मन्दिर केरल राज्य की राजधानी से 175 किलोमीटर की दुरी पर है इस मंदिर में जाने के लिए 18 पावन सीढियों को पार करके जाना होता है
और सबसे बड़ी बात मक्का मदीना के बाद इस मंदिर में प्रति वर्ष सबसे अधिक भक्त दर्शन करने के लिए आते है एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 6 करोड़ लोग एक वर्ष के भीतर दर्शन करते है इसमें भी सबसे अधिक विदेशी लोग होते है
विवाद का कारण :- 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की महिलाओ को मंदिर में भगवान् के दर्शन करने के अनुमति नहीं है क्योकि माना जाता है भगवान अयप्पा एक ब्रह्मचारी थे इसलिए जब महिलाये माहवारी के दौरान अगर मंदिर में प्रवेश करेगी तो मंदिर अपवित्र हो जायेगा इसलिये ही इस मंदिर में दर्शन करने के लिए काफी विरोध प्रदर्शन होते रहते है क्योकि जब देश में स्त्री पुरुष समानता की बात आती है तो इस तरह से ये नियम महिलाओ के अधिकार के खिलाफ माना जाता है इसलिए इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी कई केस पेंडिंग पड़े हुए है
सुप्रीम कोर्ट के फैसले :- वर्ष 2018 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था की सभी को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान है और सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार भी लगाया था क्योकि हालात काफी बिगड़ गए थे और इस फैसले पर काफी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था और इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए 7 जजों की एक टीम भी बनाई गई थी ................
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